खगड़िया : जिला स्थापना दिवस पर काटा गया केक, उज्जवल भविष्य की कामना
लाइव खगड़िया : जिले के 38वां स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिला हॉकी संघ के द्वारा कोशी कॉलेज के मैदान में केक काटा गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला खेल महासंघ के सयुंक्त सचिव रंजीत कांत वर्मा ने किया. वहीं खिलाड़ियों तथा उपस्थित लोगों के बीच वक्ताओं के द्वारा जिले के अबतक के सफर के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रकाश डाला गया. इस अवसर पर राष्ट्रीय खिलाड़ी नवनीत कौर ने केक काटा और जिले के उज्जवल भविष्य की कामना किया.
मौके पर जिला हॉकी संघ के सचिव सह राष्ट्रीय खिलाड़ी विकाश कुमार सिंह, जदयू के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष बबलू मंडल , जदयू के पंकज पटेल, विक्रम यादव, विकाश कुमार, भाजपा के बाबूलाल शौर्य, भरत सिंह जोशी, अश्वनी कुमार, जितेंद्र यादव, बैडमिंटन संघ के सचिव डॉ जैनेन्द्र नाहर, क्रिकेटर जुगल किशोर, बमबम पोद्दार , राकेश कुमार, अंजू कुमारी, मीनाक्षी कुमारी, कामनी कुमारी, नाजरीन आगा, शिवानी, रिमझिम, मुस्कान, गुड़िया, स्वास्तिका, नीतीश, चंदन, प्रशान्त, समीर आदि उपस्थित थे.
10 मई 1981 को खगड़िया को मिला था जिला का दर्जा
10 मई 1981 को कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग, बिहार सरकार की अधिसूचना संख्या 7/टी.-1-207/79 के द्वारा खगड़िया को एक जिला घोषित किया गया था. खगड़िया इसके पूर्व तक मुंगेर जिला का हिस्सा था. एक जिले के रूप में स्थापना के बाद जिले के प्रथम डीएम के तौर पर रामाशंकर तिवारी ने पदभार ग्रहण किया था और समाहरणालय भवन के रूप में वर्तमान अनुमंडल कार्यालय का उपयोग होता था. इसके उपरांत 4 जून 1988 को वर्तमान समाहरणालय भवन का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के द्वारा किया गया था. जबकि आरक्षी अधीक्षक के रूप में प्रदीप कुमार शर्मा ने 10 मई 1981 को पदभार ग्रहण किया था. जिले में बूढ़ी गंडक के किनारे अवस्थित अघोड़ी स्थान, कोसी-बागमती के किनारे धमहारा घाट के निकट मां कात्यायनी स्थान व सन्हौली दुर्गा मंदिर का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व है. जबकि मुगलकाल की पुरानी हवेली भरतखंड स्थित ’52 कोठरी 53 द्वार’ का अपना ऐतिहासिक महत्व है.