स्थानीय राजनीति के मकड़जाल में फंसे NDA प्रत्याशी राजेश वर्मा, एक को मनाएं तो दूजा रूठ जाता
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार मनीष) : एनडीए समर्थित लोजपा (रा) प्रत्याशी राजेश वर्मा का खगड़िया लोकसभा सीट से चुनावी सफर धीरे-धीरे और भी मुश्किल होता जा रहा है. स्थानीय राजनीति से अनभिज्ञ रहने वाले भागलपुर के राजेश वर्मा एनडीए के घटक दलों के स्थानीय नेताओं की आपसी गुटबाजी के मकड़जाल में उलझते जा रहे और मतदान के शेष बचे चंद दिनों में इससे निकल पाना उनके लिए आसान भी नहीं दिख रहा.
दरअसल हर राजनीतिज्ञ की अपनी – अपनी महत्वाकांक्षा रहती है और इस चाहत के बीच विभिन्न दलों के नेताओं की आपसी गुटबाजी आज के राजनीतिक दौर में जैसे एक आम बात है. हलांकि यह अलग बात है कि किसी दल की आंतरिक गुटबाजी कभी सतह पर आ जाती है, तो कभी अंदर ही अंदर वो चिंगारी सुलगती रहती है. जिसे परख पाना भागलपुर के राजेश वर्मा के लिए आसान प्रतीत नहीं हो रहा. स्थिति यह है कि एक को मनाओ तो दूजा रूठ जाता है . ऐसे एनडीए के पक्ष में एक सामूहिक प्रयास की हवा निकल जा रही और एनडीए समर्थित लोजपा (रा) प्रत्याशी राजेश वर्मा का चुनावी प्रचार अभियान को गति नहीं मिल पा रही है.
स्थानीय राजनीति के जानकार बताते हैं कि एनडीए के घटक दलों के जिलाध्यक्ष सहित चंद नेताओं के बल पर लोजपा (रा) प्रत्याशी राजेश वर्मा चुनावी वैतरणी पार करना चाहते हैं. लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि वोटर के बीच अपनी पैठ रखने वाले एनडीए के स्थानीय नेताओं सहित कार्यकर्ताओं की भी लोकसभा जैसे बड़े चुनाव में महती भूमिका होती है. लेकिन जब भी एनडीए प्रत्याशी राजेश वर्मा इस दिशा में पहल करते हैं तो स्थानीय नेताओं की गुटबाजी उनके लिए एक नई मुसीबत पैदा कर देती है. बीते दिनों इसका एक बानगी भी नजर आ ही गया. उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता रामानुज चौधरी एवं परबत्ता के जदयू विधायक डाक्टर संजीव कुमार के बीच की राजनीतिक अदावत किसी से छुपी हुई नहीं है. शायद यही कारण रहा था भाजपा के दोनों उप मुख्यमंत्री की संयुक्त चुनावी सभा से परबत्ता के जदयू विधायक डाक्टर संजीव कुमार ने दूरी बना ली. गौरतलब है कि सभा मंच पर भाजपा नेता रामानुजन चौधरी मौजूद थे और चुनावी सभा परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में ही आयोजित किया गया था. लेकिन मंच पर स्थानीय जदयू विधायक की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया. यहां यह भी देखना दीगर होगा कि राजेश वर्मा को लोजपा (रा) का प्रत्याशी बनाए जाने पर बधाई देने वालों की प्रथम सूची में जदयू विधायक डाक्टर संजीव कुमार भी शामिल थे. लेकिन अब राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं हैं. कुछ ऐसी ही स्थिति एनडीए के विभिन्न घटक दल के स्थानीय नेताओं के बीच की भी है. जिसे समझ पाना लोजपा (रा) प्रत्याशी राजेश वर्मा के लिए आसान नहीं रहने वाला है.
दूसरी तरफ एनडीए के अन्य घटक दलों को छोड़ बात यदि लोजपा (रा) की करें तो इस पार्टी के जिलाध्यक्ष शिवराज यादव भी टिकट की रेस में शामिल थे. लेकिन पार्टी ने भागलपुर के राजेश वर्मा पर भरोसा जताया और स्थानीय युवा नेता शिवराज यादव को मायूस होना पड़ा. हलांकि लोजपा (रा) के जिलाध्यक्ष शिवराज यादव पार्टी प्रत्याशी के चुनावी मुहिम में नजर आ रहे हैं. लेकिन कहीं न कहीं पार्टी के रवैए की कसक उनके दिल में भी होगी. ये अलग बात है कि पार्टी के जिलाध्यक्ष के नाते वे इस बात को सामने नहीं ला रहे. बहरहाल एनडीए के विभिन्न घटक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को एक सूत्र में बांध चुनावी प्रचार अभियान को गति देना लोजपा (रा) प्रत्याशी राजेश वर्मा के लिए आसान प्रतीत नहीं हो रहा.