ट्रस्ट की जमीन हड़पने नहीं देंगे : रणवीर यादव
लाइव खगड़िया : “श्यामलाल ट्रस्ट की जमीन को किसी को हड़पने नहीं दिया जाएगा. जबतक मैं इस धरती पर हूं तबतक शिक्षा के विकास के लिए दान में दी गई भू-सम्पदा को किसी को हड़पने नहीं दिया जायेगा. गरीबों को कुछ एकड़ जमीन सीलिंग एक्ट के तहत दिया गया है और उन गरीबों की रोटी मेरे रहते कोई छीन नहीं सकता है.” यह बातें चर्चित पूर्व विधायक रणवीर यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही है. वहीं उन्होंने कहा है कि महादानी महापुरुष श्रद्धेय श्यामलाल साहू जी ने 1910 में अपने जीवित काल में खगड़िया अंचल के अंतर्गत हाजीपुर, सन्हौली, परमानन्दपुर, हरदासचक, दहमा, काशीमपुर, भदास, माड़र आदि मौजा का करीब सवा सौ एकड़ जमीन शिक्षा के क्षेत्र में विकासोन्मुखी अलख जगाने के लिए श्यामलाल उच्च विद्यालय, शिक्षा बोर्ड नाम के ट्रस्ट में दान दिया था. जिसमें पटना उच्च न्यायालय भू हदबंदी वाद संख्या 117/1981- 82 में नोटिफिकेशन सं.- 207- ए/19 मई 2000 के माध्यम से ट्रस्ट को एक सौ सात एकड़ 79 डिसमिल जमीन प्राप्त हुई थी. शेष बची जमीन को सीलिंग एक्ट के तहत जिला प्रशासन को अधिकार दिया गया कि इस जमीन को भूमिहीन एवं गरीब अनुसूचित जाति के दलित परिवार में जीविकोपार्जन के लिए वितरीत किया जाए. इस जमीन पर भू-माफिया की नजर है. वहीं जमीन की आय – व्यय संबंधित लेखा- जोखा को सार्वजनिक नहीं किया जाता है. इधर बिना किसी निर्णय के नियम विरूद्ध व्यवसायिक निजी प्रतिष्ठान संचालक को दिया गया है और नियम की अनदेखी कर निजी सम्पत्ति घोषित करने की साजिश चल रही है.
वहीं पूर्व विधायक ने कहा है कि उनके द्वारा दस्तावेज जिला प्रशासन एवं ट्रस्टी अध्यक्ष को दिया जाएगा और मामले की शिकायत जिला प्रशासन के विभिन्न अधिकारी से की गई है. किसी जमीन का स्वामित्व सरकारी दस्तावेज और सरकारी कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेज के आधार होता है, ना कि सामाजिक व राजनीतिक आधार पर आयोजित महापंचायत में इसका फैसला होता है. उक्त भू खंड पर धारा 144 लगने के एक माह बाद भी दूसरे पक्ष के द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय में उक्त जमीन का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है. पूर्व विधायक ने जिला परिषद् अध्यक्ष व उनके परिवार द्वारा परमानन्दपुर मौजा में श्यामलाल ट्रस्ट की जमीन (जमाबंदी न.- 07 में) खरीदने का अफवाह फैलाने वाले को कुंठित राजनीति बताया है. वहीं उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति दस्तावेज के आधार पर खरीद-बिक्री कर सकता है. इसके लिए सिर्फ जमीन का असल दस्तावेज और जमाबंदी का आधार होना चाहिए.