Breaking News

मंज़िलें अपनी जगह हैं व रास्ते अपनी जगह, जब हमसफर ही साथ न दे तो मुसाफिर क्या करें !

लाइव खगड़िया : जिले के सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने को लेकर चर्चाओं में रहने वाले डॉ. स्वामी विवेकानंद एवं उनके भाई ई. धर्मेन्द्र के सफर में फिर से एक नई मुश्किलें आन पड़ी है. कहा जाता है कि जीवन में अगर कुछ बड़ा करना है तो सोच बड़ी रखनी चाहिए और सपने बड़े होगें तभी सफलता भी बड़ी होगी. कुछ ऐसी ही सोच के साथ कभी खगड़िया को स्विट्जरलैंड बनाने का सपना दिखाने वाले भले ही आज जिले को उस मुकाम तक नहीं पहुंचा सके हों, लेकिन जिले की बेहतरी के लिए उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों को कमतर भी नहीं आंका जा सकता है. सच्चाई यह भी है कि किसी भी बड़े लक्ष्य को एक सामूहिक प्रयास से ही अर्जित किया जा सकता है. राजनीतिक तौर पर कई प्रयासों के बावजूद अबतक इस परिवार को लोगों का वो साथ नहीं मिला है, जिनकी वे अपेक्षा करते रहे हैं. उल्लेखनीय है कि डॉ. स्वामी विवेकानंद संसदीय चुनाव एवं ई. धर्मेन्द्र विधानसभा चुनाव में खगड़िया सीट से अपनी – अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. हलांकि बीच के दिनों में कुछ वर्षों तक यह परिवार प्रत्यक्ष रूप से जिले की राजनीति से अपनी दूरियां बना ली थी. लेकिन सामाजिक कार्योंं से उनका जुड़ाव लगा रहा. इधर ई. धर्मेंद्र ने ताम-झाम के साथ भाजपा का दामन थामा और जिले की राजनीति में एक नया उफान आ गया.

हाल के दिनों में भी जनसहयोग से जिले के प्रसिद्ध मां कात्यायनी मंदिर जाने वाले मार्ग में रेलवे के परित्यक्त पुल संख्या 51 पर लोगों की सुरक्षा को लेकर रेलिंग निर्माण को लेकर भी डॉ. स्वामी विवेकानंद एवं उनके भाई ई. धर्मेन्द्र काफी चर्चाओं में रहे थे. उल्लेखनीय है कि रेलिंग नहीं रहने से यह पुल दुर्घटना का गवाह बनता रहा था. ऐसे में डॉ. स्वामी विवेकानंद ने पहल की. उनकी सोच को जनता का सहयोग मिला और देखते ही देखते विकास की एक नई गाथा लिख दी गई. हलांकि यह कोई पहला मामला नहीं था जब उनके द्वारा ऐसी पहल की गई हो. आपदा व जरूरत के वक्त भी उनका सेवा भाव झलकता रहा है और इस बात का कोरोना काल भी गवाह रहा है.

दरअसल मामला श्मामलाल ट्रस्ट की जमीन पर 17 वर्षों से संचालित जिले के सदर प्रखंड के परमानंदपुर स्थित श्यामलाल चंद्रशेखर नर्सिंग कॉलेज के भूखंड-विवाद को लेकर हैं. हलांकि कॉलेज के संचालक डॉ. स्वामी विवेकानंद का दावा है कि कॉलेज के जमीन का तत्कालीन जिलाधिकारी, एडीएम, डीसीएलआर के द्वारा जांच के बाद एनओसी दिया गया था और 17 वर्षों तक कॉलेज के जमीन को लेकर कोई विवाद सामने नहीं आया. लेकिन इधर अचानक संस्थान को श्यामलाल ट्रस्ट के द्वारा लीज पर दिये गये जमीन पर सदर अनुमंंडल पदाधिकारी के द्वारा धारा 144 लगाने का नोटिस भेज दिया गया. उन्होंने बगैर कोई नोटिस व स्पष्टीकरण के प्रशासन की इस पहल को गैरकानूनी बताते हुए मामले की जांच की मांग की है. बहरहाल मामला सुर्खियों में है और निश्चय ही इस पर राजनीतिक रंग भी चढ़ चुका है.

Check Also

लोक आस्था का महापर्व छठ के अवसर पर भाजपा नेता ने व्रतियों के बीच किया साड़ी का वितरण

लोक आस्था का महापर्व छठ के अवसर पर भाजपा नेता ने व्रतियों के बीच किया साड़ी का वितरण

error: Content is protected !!