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सम्राट के ‘हनुमान’ ने दी हवा और जदयू में भभक उठा विद्रोह की आग

लाइव खगड़िया : जदयू के सैकड़ों नेता व कार्यकर्ताओं के सामूहिक रूप से पार्टी छोड़ने से जिले की राजनीति को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. दरअसल जदयू में विद्रोह की चिंगारी बीते वर्ष पार्टी के संगठनात्मक चुनाव के दौरान ही उठ चुकी थी. उस वक्त हंगामे के कारण जदयू जिलाध्यक्ष का चुनाव परिणाम स्थगित कर दिया गया था और बाद में पार्टी के प्रदेश हाईकमान का फैसला बबलू मंडल के नाम रहा था. जिसके बाद एक बार फिर बबलू कुमार मंडल जदयू के जिलाध्यक्ष बने. लेकिन यह चुनाव जदयू के दो गुटों के बीच की दूरियां बढ़ा गई और वक्त के साथ वो चिंगारी अब एक शोला बनकर सामने आया है. जदयू छोड़कर गए नेता भले ही आज पार्टी छोड़ने की वजह जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार का राजद से नाता जोड़ना बता रहे हों, लेकिन नीतीश कुमार इसके पूर्व भी महागठबंधन का हिस्सा रह चुके हैं. ऐसे में समता पार्टी काल से ही नीतीश कुमार के साथ रहे नेताओं की दलील पर आंख बंद कर मान लेना भी शायद उचित नहीं होगा. दरअसल राजनीतिक महात्वाकांक्षा के बीच कई को नये विकल्प की तलाश थी और सम्राट चौधरी के भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनते ही जदयू से नाराज गुट को एक विकल्प मिल चुका था. इधर जिले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के हनुमान संजय खंडेलिया ने पहल की और जदयू की लंका में विद्रोह की आग धधक गया.

उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की राजनीतिक कर्मभूमि खगड़िया ही रहा है और भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता संजय खंडेलिया उनके करीबी बताये जाते हैं. संजय खंडेलिया भी कभी जदयू से नाता रखते थे और उनका जिले के कई जदयू नेताओं से संबंध अच्छे रहे हैं. उधर सम्राट चौधरी के बिहार भाजपा का मोर्चा संभालने के बाद खगड़िया में भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश परवान पर है और गठबंधन की चुनावी राजनीति में घटक दलों के बीच अबतक पीछे रही भाजपा ने भी सपने संजोने शुरू कर दिया है. जिले में भाजपा की मजबूती की कवायद के बीच सम्राट चौधरी ने सह दिया और संजय खंडेलिया ने इस मुहिम को हवा दे दी. वैसे भी नीतीश कुमार के जिस जातिगत समीकरण को साध कर भाजपा ने सम्राट चौधरी के हाथ बिहार की कमान सौंपी थी, जदयू के उस समीकरण को ध्वस्त करने की शुरूआत भाजपा के सम्राट चौधरी ने अपनी राजनीतिक कर्मभूमि खगड़िया से ही आरंभ कर दी है. यहां यह भी देखना दीगर होगा कि जदयू छोड़कर जाने वाले जिले के कई नेता समता पार्टी काल से ही नीतीश कुमार के साथ थे.

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