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बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने की शिक्षकों से अपील



लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : 29वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2021 का जिला स्तरीय दिशा निर्देशन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन गुरूवार को किया गया. कार्यक्रम गूगल मीट जैसे डिजिटल माध्यम से समग्र शिक्षा कार्यालय से संपन्न हुआ. इसके पूर्व कार्यशाला का उद्घाटन समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिवकुमार शर्मा ने किया. जबकि कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक  अनुराधा कुमारी के द्वारा किया गया. 
वहीं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कार्यशाला के माध्यम से बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने की अपील शिक्षकों से की. मौके पर कहा गया कि बाल विज्ञान कांग्रेस सिर्फ एक मंच ही नहीं है बल्कि यह बच्चों में बदलाव लाने की एक प्रक्रिया है. जो उनमें विज्ञान की भावना तथा अपने दैनिक जीवन में विज्ञान की विधियों को लागू करने की क्षमता को विकसित करता है. बाल विज्ञान कांग्रेस बाल वैज्ञानिकों में व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित अन्वेषण नवाचार और विज्ञान की विधियों के द्वारा खुद करके सीखने को प्रोत्साहित करता है. साथ ही कहा गया कि कार्यशाला बाल वैज्ञानिकों को वास्तविकता का अहसास दिलाने व नए मापदंडों को अपनाने सहित सभी एहतियाती उपायों का पालन करते हुए अपने परियोजना कार्य को अंजाम तक पहुंचाने में सहायक होगा. कार्यक्रम बदलाव लाने की एक प्रक्रिया है, जो विज्ञान की भावना तथा अपने दैनिक जीवन में विज्ञान की विधियों को लागू करने की क्षमता विकसित करता है. ऐसे में बाल विज्ञान कांग्रेस बाल विज्ञान में व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित अन्वेषण नवाचार और विज्ञान की विधियों के द्वारा खुद करके सीखने को प्रोत्साहित करता है. 

उल्लेखनीय है कि कि कार्यक्रम के मुख्य विषय ‘सतत् जीवन हेतु विज्ञान विज्ञान है’ के अंतर्गत 5 उप विषय का चयन किया गया है. इन उपविषय पर राज्य स्तरीय रिसोर्स पर्सन डॉक्टर एस के पी सिन्हा एवं दक्षिण बिहार रीजनल कोऑर्डिनेटर दीपक कुमार के द्वारा शिक्षकों को दिशा निर्देशन एवं प्रशिक्षण दिया गया. वहीं कार्यक्रम जिला समन्वयक के द्वारा कहा गया इस वैश्विक महामारी के दौरान सामुदायिक जीवन के नए मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता है और बच्चों को भी नवाचारी होने की जरूरत है. उन्हें सामाजिक दूरी व मास्क का उपयोग, बढ़े हुए नागरिक बोध, व्यक्तिगत, घरेलू एवं सामुदायिक स्वच्छता प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हेतु स्वस्थ जीवन की सीमाओं के अंदर कार्य करना है.

कार्यशाला में जिले के उच्चतर माध्यमिक उच्च माध्यमिक, मिडिल स्कूल वित्त रहित स्कूल के सौ से अधिक शिक्षक जुड़े रहे. कार्यक्रम में जिला अकादमिक समन्वयक शहजाद हसन, सह अकादमिक समन्वयक शशी कुमार भी मौजूद रहे. कार्यक्रम की समाप्ति मोहम्मद जकाउल्लाह के द्वारा सभी शिक्षकों, बाल वैज्ञानिकों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं राज्य से जुड़े सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापन देते हुए की गई.

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