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चमकी बुखार के कहर से बचने के लिए कुछ सावधानियां जरूरी




लाइव खगड़िया (हेल्थ डेस्क) : बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES)  कहर बरपा रहा है. साथ ही इस बीमारी से जिले के आसपास के जिलों के बच्चों के भी पीड़ित होने की खबरें आने लगी है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी AES शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और खासकर बच्चे इस बीमारी से ज्यादा ग्रसित होते हैं.

चमकी बुखार के लक्षण 

शुरुआत तेज बुखार

फिर शरीर में ऐंठन का महसूस होना

इसके बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी कार्यों में रुकावट आना

मानसिक भटकाव महसूस करना

बच्चे का बेहोश हो जाना

दौरे पड़ने की शिकायत

घबराहट महसूस होना

कुछ केस में पीड़ित व्यक्ति का कोमा में चले जाना




चमकी बुखार का कारण

आज भी चिकित्सक इस बुखार की चपेट में आने का मुख्य वजह ठीक-ठीक से नहीं बता पा रहे हैं. लेकिन इसको लेकर विभिन्न तरह का अनुमान जरूर लगाया जा रहा है.

भीषण गर्मी,गंदगी, कुपोषण

चिकित्सक भीषण गर्मी को भी इस बीमारी से जोड़कर देख रहे हैं. जबकि कई विशेषज्ञ गर्मी, उमस, गंदगी और कुपोषण को भी अहम वजह मान रहे हैं.

लीची पर भी रही है चर्चाएं तेज

चमकी बुखार की वजहों में लीची खाने को लेकर भी चर्चाएं तेज रही है. बताया जाता है कि लीची में प्राकृतिक रूप से hypoglycin A और methylenecyclopropylglycine (MPCG) जैसे पदार्थ पाये जाते हैं. जो शरीर में फैटी ऐसिड मेटाबॉलिज़म बनने में रुकावट पैदा कर देती है. जिसकी वजह से शरीर में ब्लड-शुगर का लेवल कम हो जाता है और मस्तिष्क संबंधी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं. कुछ केस में दौरा पड़ने लगता है.

सावधानी

वैसे तो चमकी बुखार के कारणों का ही ठीक से पता नहीं है. लेकिन कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए.

बच्चे को धूप और गर्मी से बचाकर रखें.

पोषक आहार खिलाएं और शरीर में पानी की कमी न होने दें.

खाली पेट लीची बिल्कुल न खाएं.

यदि सुबह उठकर बच्चे को चक्कर आएं या कमजोरी महसूस हो तो उसे तुरंत ग्लूकोज या चीनी घोलकर पिला दें.

किसी भी तरह के बुखार को नजरअंदाज न करें.

बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें.


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