आंखें जरूर डबडबाईं लेकिन मो. जावेद की शहादत पर है गर्व
लाइव खगड़िया : बेटे के खोने के गम में अंम्मा की आखों का आंसू कम नहीं हो रहे थे. अब्बा एक खाट पर बेसुध पड़े हुए थे. अपने पति का सदा के लिए बिछुड़ने से जैसे बीबी पर तो दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा था और उनका तीन वर्षीय नन्हा सा बेटा घर पर जमा हुई लोगों की हुजूम को बस निहारता ही चला जा रहा था.
दिल को झकझोर देने वाला यह दृश्य जम्मू कश्मीर के पूंछ सेक्टर में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए खगड़िया के लाल मोहम्मद जावेद के पैतृक घर का था. गौरतलब है शहीद जवान जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र के माड़र दक्षिणी पंचायत के ईदगाह टोला निवासी मोहम्मद बरूद्दीन का पुत्र थे. जो जम्मू कश्मीरी के 25 ग्रेनेडियर रेजिमेंट में 93 बटालियन के जवान थे और कुछ दिन पूर्व ही उनकी पोस्टिंग पूंछ सेक्टर में हुआ था.
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की रात पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन किया गया. इस गोलीबारी का डटकर जवाब देते हुए मोहम्मद जावेद शहीद हो गए. जैसे ही यह खबर शहीद के परिजनों को मिली घर में कोहराम मच गया और साथ ही गांव में मातम पसर गया.
बताया जाता है कि मोहम्मद जावेद में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी और देश की सेवा करने का जुनून ही उन्हें फौज में ले आई थी. उन्होंने अपने गांव के ही हाई स्कूल से वर्ष 2006 में मैट्रिक करने के बाद शहर के कोशी कॉलेज से वर्ष 2008 में इंटर किया और फिर वे फौज में जाने की तैयारी में जुट गये. देश की सेवा करने के जुनून के साथ उन्हें वर्ष 2010 में फौज में शामिल होने का मौका मिला. इस बीच वर्ष 2015 में उनकी शादी हुई. कहा जा रहा है कि उन्हें ईद के मौके पर घर आना था. लेकिन छुट्टी नहीं मिलने के कारण वे अपने घर नहीं आ सके और उनके शहादत की खबर आ गई. बहरहाल देश के लिए शहादत देने वाले अपने एक बहादुर लाल पर जिले के हर वासियों को फक्र है और साथ ही उन्हें खोने का गम भी…