…जब सुधीर की खबर पर अखबार लहराने लगा था सदन में
खगड़िया : जिले की पत्रकारिता जगत में सुधीर कुमार शर्मा एक चर्चित नाम रहा है.अद्भुत प्रतिभा के धनी सुधीर खबरों की दुनियां से अलग हटकर भी सुर्खियां बटोरते रहे हैं.इस क्रम में विभिन्न अवसरों पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनके स्टेज शो को भी काफी सराहा जाता रहा है.हैंडसम लुक के साथ उनकी अदाकारी किसी प्रोफेशनल कलाकार की याद दिला जाती है.लेकिन उनके अंदर लीक से हटकर एक कलाकार भी बसता है जो कि वक्त-वेवक्त विभिन्न अवसरों पर सामने आ जाते रहे हैं.जिले के एस.एम.उच्च विद्यालय चौथम एवं कोशी कॉलेज से अपनी पढाई पूरी करने वाले सुधीर बहरहाल चौथम प्रखंड से दैनिक हिस्दुस्तान के लिए रिपोर्टिंग कर रहे है.उनकी खबरों में एक खास बात यह होती है कि अमूमन वो जनसरोकार के मुद्दे एवं स्थानीय समस्याओं को उठाते हैं.विपरित परिस्थितियों में भी ग्राउंड जीरो से उनकी रिपोर्टिंग उनके जज्बा-ए-जुनून को दर्शाता है.
सुधीर पत्रकारिता की दुनियां में वर्ष 2008 में दैनिक अखबार प्रभात खबर के साथ कदम रखा था.लेकिन महज तीन महिनों के बाद ही उसी वर्ष अक्टूबर में वो दैनिक हिस्दुस्तान से जुड़ गये.उसके बाद लगभग 10 सालों से वो लगातार हिस्दुस्तान को अपनी सेवायें देते आ रहे हैं.पत्रकारिता जीवन के वर्ष 2013 का वो पल उन्हें आज भी याद है जब उनकी एक खबर पर हिन्दुस्तान अखबार की प्रतियां विधान-सभा में लहराया गया था.मामला मक्के के फसल की बाली में दाना नहीं आने के था.सुधीर के इस खबर को बिहार संस्करण में प्रथम पेज पर जगह मिली थी.जिस मुद्दे को विपक्ष ने विधान सभा में जोर-शोर से उठाया था और इसके बाद पटना से एक जांच टीम खगड़िया पहुंची थी.सुधीर इसे अपने पत्रकारिता जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर भी देखते है.इसके अतिरिक्त विगत वर्ष बाढ पर प्रकाशित उनकी स्टोरी भी काफी सुर्खियों में रहा था.जबकि क्षतिग्रस्त डुमरी पुल पर लगातार एक माह तक चली खबर भी खासा चर्चाओं में रहा था.
खगड़िया की पत्रकारिता जगत से संबंधित पूछे गये एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जिले में अच्छे पत्रकारों की कमी नहीं है.लेकिन कुछ चाटुकार की वजह से पत्रकारिता बदनाम भी होती रही है.जबकि पत्रकारों के दो गुटों में बंटे रहने का फायदा यहां के अधिकारी व पदाधिकारी भी खूब उठाते रहे हैं.