प्रसव पीड़ा से कराहती रही महिला और नारे लगाते रहे आशा कर्मी…
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के परबत्ता प्रखंड बाजार स्थित मुख्य अस्पताल के मेन गेट पर बुधवार को आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में धरना दिया.इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए गये.
धरना के क्रम में अस्पताल का एबुलेंस सहित निजी वाहनों को भी आशा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया.मानवीय संवेदना को तार-तार कर देने वाला एक दृश्य उस वक्त दिखा जब नारेबाजी के दौरान ही प्रसव पीड़ा से कराह रही एक प्रसूता सुरक्षित प्रसव कराने की चाहत में ऑटो से अस्पताल पहुंची.
लेकिन महिला के परिजनों के तमाम आग्रह व अनुरोध के बावजूद प्रसूता को लेकर पहुंची ऑटो को अस्पताल परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया.इस बीच ऑटो पर प्रसूता प्रसव पीड़ा से कराहती रही.मौके की नजाकत को समझते हुए आस-पास के लोग भी वहां जमा हुए और आशा कार्यकर्ताओं को समझाने-बुझाने की कोशिश की जाती रही.लेकिन आशा कर्मियों की मांगों व प्रदर्शन के बीच प्रसूता व नवागंतुक की दर्द व जान छोटी पड़ गई और आशा कर्मी नहीं मानें.
बताया जाता है कि जब प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला का ऑटो पर ही प्रसव होने की स्थिति बन आई तो महिला के परिजनों को स्थानीय दुकानदारों ने प्राईवेट क्लीनिक में ले जाने की सलाह दी और फिर आनन-फानन में महिला कोे प्राईवेट क्लीनिक ले जाया गया.जहां उसका सुरक्षित प्रसव कराया गया.
भले ही आज जच्चा-बच्चा सुरक्षित हो लेकिन मामले में एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि यदि ऐसी स्थिति में प्रसूता के साथ कोई अनहोनी हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता ? मानवीय संवेदना को तार-तार कर देने वाली इस घटनाक्रम के दौरान सीएचसी प्रशासन के लोग मौके पर नहीं पहुंचे.जबकी बाद मे कुछ स्वास्थ्यकर्मी आशा कार्यकर्ताओं को समझाते हुए दिखे.