कभी जम्बूद्वीप के नाम से विश्व विख्यात था बृहत्तर भारत की धरती
लाइव खगड़िया : विश्व हिंदू परिषद के द्वारा शहर के सरस्वती विद्या मंदिर में सोमवार को अखंड भारत स्मृति दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन अखंड भारत पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम के अध्यक्षता नितिन कुमार (जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद) एवं मंच संचालन विद्यालय के आचार्य अवधेश कुमार सिंह ने किया.
मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि भारत मां के जिस स्वरुप को आज हम देख रहे हैं, वह वास्तव में उसका एक विखंडित रूप है. कालांतर में यह कभी जम्बू द्वीप के नाम से विश्व विख्यात था. उस वक्त वर्तमान अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्यान्मार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और तिब्बत एक ही राष्ट्र हुआ करता था. उस वक्त अन्य देशों में विद्यालय तक की कल्पना नहीं थी, लेकिन यहां तीन बड़े-बड़े विश्वविद्यालय नालंदा, विक्रमशिला और तक्षशिला हुआ करते थे. हमने ही विश्व को शिक्षा दी और जीने का राह दिखाया और इसी कारण हम विश्व गुरु भी कहलाये. परंतु आगे के काल खंडों में हमारे कुछ कमियों एवं लगातार विदेशी आक्रांताओ के कारण हमारी मातृभूमि खंडित होने लगी. पहले कभी हमारा क्षेत्र 83 लाख वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ था, वहीं आज यह सिमटकर मात्र 33 लाख वर्ग किलोमीटर रह गया है.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित पूर्व विधायिका चंद्रमुखी देवी ने कहा कि 14 अगस्त 1947 को आजादी के 1 दिन पूर्व अंग्रेजों एवं कुछ महत्वकांक्षी नेताओं ने भारत मां के दो टुकड़े किए थे. इसलिए आज के दिन को हम अखंड भारत स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं, ताकि हमारे अखंड भारत का सपना एक दिन साकार हो सके. वहीं संबोधित करते हुए संचालक डा विवेकानंद ने कहा कि अखंड भारत हमारा एक सपना है और वह तब तक पूरा नहीं होगा जब तक कि आज की युवा पीढ़ी अपने देश के विशाल सांस्कृतिक धरोहर के बारे में नहीं जानेंगे और इस पर गर्व नहीं करेंगे. उन्हें अपनी मिट्टी और अपनी संस्कृति पर गर्व करना होगा.
इस अवसर पर अखंड भारत चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. जिसमें विद्यालय के बच्चे एवं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. प्रतियोगिता में विद्यालय की सृष्टि गुप्ता (कक्षा अष्टम) , वर्षा कुमारी (कक्षा नवम्) ने क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया. जबकि दुर्गा वाहिनी की कार्यकर्ता श्वेता कुमारी को तृतीय पुरस्कार मिला.
मौके पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सुभाष चन्द्र जोशी, घनश्याम, अंजनी कुमार, मनीष कुमार, अभिमन्यु कुमार, राजेश, प्रवीण, संजु देवी, समिति के सह सचिव काशीनाथ दीपक आदि उपस्थित थे. अंत में अखंड भारत का संकल्प लेते हुए वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया.