
सरस्वती मंदिर में तीन प्रतिमाओं की हुई प्राण प्रतिष्ठा
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के परबत्ता प्रखंड मुख्यालय के कॉलेज मैदान में विगत 24 मई से चल रहे रुद्र चण्डी महायज्ञ के सातवें दिन की भागवत कथा के पूर्व काशी के पंडितों ने परबत्ता प्रखंड के सरस्वती मंदिर में तीन प्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम सम्पन्न किया. इस अवसर पर गांव के सैंकड़ों युवा उपस्थित होकर पूजा अर्चना किया. बताते चलें कि कबीर मठ परबत्ता के ठीक पीछे अवस्थित टोला में 90 के दशक तक अधिकांश लोग खेती व मजदूरी के अलावा अनुसेवक से लेकर होमगार्ड आदि की नौकरी ही करते थे. फिर युवाओं में शिक्षा के प्रति जागृति आई और युवा वर्ग शिक्षा को प्राथमिकता देना शुरू किया. कहा जाता है कि इसके बाद बैंक से लेकर सेना तथा पुलिस व प्रशासन में नौकरियों का दरवाजा खुलना शुरू हो गया. जिसके बाद युवा वर्ग सरस्वती मंदिर की स्थापना कर विद्या की देवी की पूजा अर्चना करना आरंभ किया. विगत वर्ष जब परबत्ता में रुद्र चण्डी महायज्ञ के आयोजन को लेकर परिचर्चा शुरु हुई तो गांव के युवाओं ने इस प्रस्ताव को रखा कि इस आयोजन के साथ सरस्वती माता की प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा भी किया जाय और महायज्ञ के मुख्य पंडित ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए इस आयोजन को सम्पन्न कराया.
साथ ही बुधवार को ढाई सौ वर्षों पुराने भगवती मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य का भी शुभारंभ किया गया. दूसरी ओर महायज्ञ में मुख्य कथावाचिका जयंती किशोरी प्रवचन के दौरान कहा कि भगवान की भक्ति के साथ-साथ अपने माता-पिता की सेवा करना भी पूजा और आराधना से कम नहीं होता है. जो मां आपको अपने पेट में नौ महीनों तक आपको पालती है और दुनियां में आपके आने के बाद पालती-पोसती है, उनके इस त्याग और तपस्या के कर्ज को किसी भी प्रकार से चुकाया नहीं जा सकता है. माता-पिता की सेवा भी भगवान की भक्ति का रुप है. इसलिये हर व्यक्ति को अपने अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए.
महायज्ञ में परबत्ता नगर पंचायत की अर्चना देवी तथा बीडीओ अखिलेश कुमार ने मंच पर पहुंचकर कथावाचिका से आशीर्वाद लिया. वहीं आयोजन समिति के द्वारा दोनों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया. इसके पूर्व मंगलवार को यज्ञ आयोजन समिति के सदस्यों ने बाबा के नेतृत्व में नगर भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया. परबत्ता गांव में पहली बार आयोजित हो रहे इस यज्ञ को लेकर युवावर्ग में उत्साह का माहौल है. इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष संत शरण दास के अलावा विजय यादव, मोतीलाल, सुनील यादव, प्रणव कुमार, अरुण, विपिन, रामचरित्र राय, पवन भगत, अशेश्वर साह, रमाकांत पंडित, संतोष साह, अभ्यास दास, श्रवण साह, तस्लीमुद्दीन, उमेश मंडल, सुबोध दास, उमाशंकर साह, अंकित कुमार, रौशन साह आदि मौजूद थे.