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बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि, निभाया बेटे का फर्ज

लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : वक्त बदल रहा है और साथ ही समाज की सोच भी बदल रही है. परंपराओं से हटकर जिले की एक बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दिया और उनका अंतिम संस्कार किया. बताया जाता है कि मृतक का कोई बेटा नहीं था, बल्कि 6 बेटियां ही थीं. शनिवार को श्मशान पर उस समय लोगों के आंसू छलक पड़े, जब एक बेटी ने रूढ़ीवादी परंपराओं के बंधन को तोड़ते हुए अपने पिता का अंतिम संस्कार किया और बेटे की तरह हर फर्ज को पूरा किया. वो पिता के अंतिम संस्कार के दौरान रोती रही, पापा को याद करती रही और बेटे की कमी को हर तरह से पूरा करने की कोशिश करती रही. 

कहा जाता है कि बेटा कुल का दीपक होता हैं,  लेकिन अब यह बातें बीते जमाने की हो गई. यह साबित कर गई है मुस्कान ने. मुस्कान ने ना सिर्फ पिता को मुखाग्नि दी बल्कि अंतिम संस्कार की हर वह रस्म निभाई, जिनकी कल्पना एक पुत्र से की जाती थी. जिले में शनिवार को एक बार फिर पुरानी कुरीति टूटी है. दरअसल जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र के डुमरिया बुजुर्ग गांव के रहने वाले बिहार पुलिस में कार्यरत विजय मिश्र का शुक्रवार की शाम लंबी बीमारी के बाद देवघर में निधन हो गया था. बताया जाता है कि वे देवघर मंदिर में कार्यरत थे. उनकी 6 बेटियों में सबसे छोटी मुस्कान कुमारी है. जबकि चार बेटियां की शादी हो चुका है. अंतिम संस्कार अगुवानी गंगा घाट पर संपन्न हुआ. मौके पर दर्जनों सगे संबंधी के अलावा कई ग्रामीण मौजूद थे. इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता नवनीत मिश्रा ने बताया की बेटे और बेटी में फर्क खत्म हो रहा है, जो समाज के लिये एक शुभ संकेत है.


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