लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार इन दिनों प्रदेश भर में चर्चाओं में हैं. पहली बार विधायक बनकर सदन पहुंचे डॉ संजीव ने जिन बुलंदी के साथ क्षेत्र की समस्या व मुद्दों को लेकर सदन में आवाज उठाई हैं, वो क्षेत्र के विकास के प्रति उनकी ललक को दर्शाता है. हलांकि वे सत्ता पक्ष के विधायक है. बावजूद इसके उन्होंने सरकार के मंत्री से जिस कदर पूरक पर पूरक सवाल दागा है, वो युवा विधायक की सोच और उनके जुनून को प्रदर्शित करता है.
दरअसल प्रश्नोत्तर काल में पथ निर्माण विभाग से जुड़ा सवाल परबत्ता के जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने उठाया. उन्होंने सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा पुल के निर्माण में देरी और रामपुर-कटघरा पुल का निर्माण के बाद उसी साल बह जाने का मामला उठाया. विधायक ने सदन में कहा कि उनके पिता तत्कालीन विधायक रामानंद प्रसाद सिंह ने सात साल पहले पुल के निर्माण कार्य का शिलान्यास करवाया था, वह आज तक पूरा नहीं हुआ. विधायक ने निर्माण के थोड़े ही दिन बाद पुल का बाढ़ में बह जाने के मामले में ठेकेदार व अधिकारी पर कार्रवाई नहीं होने का मामला उठाया.
जदयू विधायक के सवाल पर जवाब देते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि निर्माण कार्य में देरी हुई है और जमीन अधिग्रहण को लेकर मामला फंसा था. लेकिन अब दिसंबर 2021 तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन जदयू विधायक बार-बार यह सवाल पूछते रहे कि पुल बह जाने के मामले में दोषी अधिकारियों के ऊपर क्या कार्रवाई की गई. जबकि सरकारी राशि से तैयार पुल निर्माण के बाद ही बह गया.
दूसरी तरफ परबत्ता विधायक द्वारा टोपो लैंड को लेकर सदर में उठाये गये सवाल के बाद बिहार में बिना सर्वे की जमीन टोपो लैंड का मालिकाना हक जानने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है. इस बात की जानकारी विधानसभा में आज टोपो लैंड से जुड़े ध्यानाकर्षण सूचना पर जवाब देते हुए बिहार के भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने दी. मंत्री ने बताया कि गठित कमिटी तय करेगी कि टोपो लैंड का मालिकाना हक किसके पास है. दरअसल परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार सहित अन्य सदस्यों की तरफ से टोपों लैंड की समस्या और इसके मालिकाना हक चयन नहीं होने को लेकर एक ध्यानाकर्षण सूचना दी गई थी. वहीं सरकार ने भरोसा दिया कि अगले वित्तीय वर्ष तक कमिटी की तरफ से सर्वे का काम शुरू कर दिया जायेगा.