
नरक निवारण चतुर्दशी पर श्रद्धालुओं ने रखा उपवास, मंदिरों में उमड़ी भीड़
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : नरक निवारण चतुर्दशी को लेकर बुधवार को गंगा तट पर एवं विभिन्न शिव मंदिर में श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ पड़ी. साथ ही श्रद्धालुओं ने दिनभर का उपवास पर रखा. जबकि रात्रि में बेर खाकर उपवास को तोड़ा गया.
माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है. जिले के विभिन्न शिव मंदिर में श्रद्धालु शिवलिंग पर बेलपत्र, पुष्प, बेर, चंदन आदि चढ़ाकर जलाभिषेक करते हुए देखे गये. वहीं भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश की पूजा करके मनोकामना पूर्ण होने के लिए विनती किया गया. इस अवसर पर कुछ जगहों पर संध्या में भजन कीर्तन का आयोजन किया गया .
मौनी अमावस्या कल
पंडित अजय कांत ठाकुर, पंडित कृष्ण कांत झा ने बताया कि माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है और यह दिन गुरूवार को है. इस दिन सूर्योदय से पूर्व मौन रहकर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. साथ ही भगवान विष्णु को घी का दीप दान किया जाता है. वहीं भगवान को तिल अर्पित किया जाता है.
उन्होंने बताया कि माघ मास की मौनी अमावस्या के दिन तिल, गुड़, वस्त्र और अन्न धन का दान करना बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है. मौनी अमावस्या के दिन पीपल को जल देना और पीपल के पत्तों पर मिठाई रखकर पितरों को अर्पित करना चाहिए. इससे पितृदोष दूर होता है.