
बेफिक्र बनो ‘ना’ अभी भी है ‘कोरोना’, तेजी से बढ़ रहा है केस
लाइव खगड़िया : आजकल खबरों की इतनी ज्यादा भीड़ हो गई है की कोरोना पर लोग बात भी नहीं करते है.करें भी कैसे लोग किसी बात की चर्चा तब करते हैं जो या तो उनके ऊपर गुजरती है या फिर मीडिया में आती है . लेकिन कोरोना इन दिनों अख़बार के तीसरे पन्नो में पहुँच गई है और टीवी पर सिर्फ आंकड़ो के अपडेट भर ….इस बीच कोरोना तेजी से शहरों से होकर गाँव देहात तक घुस गया है . लॉक डाउन से होकर अनलॉक तक पहुच गए और कोरोना आउट ऑफ़ कंट्रोल हो गया.
बिहार में पिछले २४ घंटे के दौरान कोरोना से ५ लोगो की मौत हो गई है और मरनेवालो का आंकड़ा पहुँच गया है ४४ .जबकि कुल संक्रमितो की संख्या पहुँच गई है सात हजार के पार . बिहार में ३१ मई तक कोरोना संक्रमितो की संख्या थी ३८७२ .जिनमे से १७४१ केस ठीक हो चुके थे और मरने वालो की संख्या थी २३. ३१ मई तक बिहार में ७८०९० सैम्पल की जाँच हुई थी . लेकिन यदि १० जून तक के आंकड़ो को देखे तो कुल संक्रमितो की संख्या थी ५८०७ .ठीक होने वाले मरीजो की संख्या थी ३०८६ .मरने वालो की संख्या थी ३४ और कुल सैम्पल जाँच की संख्या थी ११३२२५ . आज यानि १८ जून तक के आंकड़े इस प्रकार है . कुल संक्रमितो की संख्या ७०४० . ठीक होने वाले मरीजो की संख्या ४९६१ और मरने वालो की संख्या ४४.जबकि अब तक १३९५८४ सैम्पल की जाँच हुई है . यानि की लॉक डाउन एक ,दो ,तीन और चार में जितने मरीज मिले थे उतने मरीज सिर्फ अनलॉक १ के १८ दिनों में मिले है . अब आप हालत का अंदाजा इसी से लगा सकते है . लेकिन लोगो में अब कोरोना को लेकर कोई खौफ नहीं है . यदि हम राजधानी पटना की बात करे तो ३१ मई तक पटना में कुल संक्रमित मरीजो की संख्या २५२ थी , ठीक होने वाले मरीजो की संख्या १८२ और मरनेवालो की संख्या २ थी लेकिन जून के १८ दिनों में यह आंकड़ा बढ़कर ३६० हो गई है ,जबकि ठीक होने वाले मरीजो की संख्या २१८ है .यानी की सिर्फ १८ दिनों में १०९ केस सामने आये है जबकि चार लॉक डाउन की अवधि में २१८ केस थे .
इन आंकड़ो को दिखाकर हमारे मकसद आपको डराना नहीं बल्कि आपको आगाह करना है . सरकार ने भले ही बंदिशे हटा ली हो लेकिन कोरोना का खतरा बरक़रार है . बाजार खुल गए ,मॉल खुल गए ,सरकार ने इन सभी को खोलने के लिए कई गाइड लाइंस दी है लेकिन अब कही भी इसका पालन नहीं हो रहा है . यहाँ तक की लोग मास्क भी नहीं लगा रहे है सोशल सामाजिक दुरी और देह दुरी की बात ही बेमानी है . लेकिन हमें यह खुद भी समझना होगा और दुसरो को भी समझाना होगा की कोरोना से बेपरवाह बनना खतरनाक साबित हो सकता है . इसलिए आप सबसे भी यही आग्रह है की लोगो को सतर्क करिए ,उन्हें समझाने की जरुरत है की दुसरो के लिए नहीं बल्कि अपने लिए अपने परिवार के लिए भी कुछ परहेज जरुरी है .
(साभार : अमिताभ ओझा के फेसबुक वाल से)