परबत्ता : आ देखें ज़रा किसमें कितना है दम ! जम के रखना कदम…
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार मनीष) : “आ देखें ज़रा किसमें कितना है दम, जम के रखना कदम मेरे साथिया”… यह चर्चित गीत जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान के लिए सटीक बैठती है. राजनीति के दो चिर प्रतिद्वंद्वी के चुनावी मैदान में विभिन्न प्रमुख गठबंधन से आमने-सामने आ जाने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो गया है. परबत्ता विधानसभा सीट पर जीत के लिए महागठबंधन समर्थित राजद उम्मीदवार डाक्टर संजीव कुमार एवं एनडीए समर्थित लोजपा (रा) उम्मीदवार बाबूलाल शौर्य ने अपनी-अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है और यह सीट दोनों ही गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है.
वैसे तो परबत्ता की सीट जदयू की परंपरागत सीट रही है और यहां से पूर्व मंत्री दिवंगत रामानंद प्रसाद सिंह और फिर उनके बेटे डाक्टर संजीव कुमार जदयू का नेतृत्व करते रहे थे. लेकिन इस वर्ष के चुनाव के पूर्व जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने पाला बदलते हुए राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली और वे ही यहां से महागठबंधन समर्थित राजद उम्मीदवार हैं. दूसरी तरफ डाक्टर संजीव कुमार के जदयू से नाता तोड़ने के बाद एनडीए के घटक दलों के बीच यह सीट लोजपा (रा) के कोटे में रही और लोजपा (रा) ने भाजपा के बाबूलाल शौर्य को चुनावी मैदान में उतार कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. चुनावी मैदान में दोनों चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी के सामने आ जाने के बाद अब यहां मुकाबला आर-पार का बन गया है और दोनों की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर है. वैसे चुनावी मैदान में डाक्टर संजीव कुमार एवं बाबूलाल शौर्य पहली बार आमने-सामने नहीं हैं. 2020 के चुनाव में भी जदयू उम्मीदवार के तौर पर डाक्टर संजीव कुमार एवं लोजपा (रा) के उम्मीदवार के तौर पर बाबूलाल शौर्य आमने-सामने थे. लेकिन उस वक्त राजद के भी उम्मीदवार मैदान में थे और मुख्य मुकाबला जदयू व राजद उम्मीदवार के बीच रहा था. विगत चुनाव में जदयू उम्मीदवार के तौर पर डाक्टर संजीव कुमार ने बाजी मारी ली थी. लेकिन इस बार एनडीए एकजुट है और एक सशक्त गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर बाबूलाल शौर्य चुनावी मैदान में हैं. दूसरी तरफ डाक्टर संजीव कुमार भी महागठबंधन समर्थित राजद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं और माना जा रहा है कि दोनों ही प्रत्याशियों के लिए जीत की मंजिल आसान नहीं रहने वाली है. हालांकि दोनों के अपने-अपने दावे हैं और अपना-अपना चुनावी व राजनीतिक समीकरण भी है. लेकिन ऊंट किस करवट बैठता है, यह देखना दीगर होगा.
भूमिहार बहुल परबत्ता विधानसभा सीट पर राजद व लोजपा (रा) ने इस समुदाय से ही आने वाले डाक्टर संजीव कुमार (महागठबंधन समर्थित) एवं बाबूलाल शौर्य (एनडीए समर्थित) को चुनावी मैदान में उतारा है. वैसे दोनों ही गठबंधनों का चुनावी जातिगत समीकरण है. राजनीति विश्लेषक सवर्ण समाज को एनडीए से जोड़कर देखते हैं. ऐसे में यदि बाबूलाल शौर्य इस वर्ग को गोलबंद रखने में सफल रहते हैं तो राजद की राह आसान नहीं रहने वाली. दूसरी तरफ यदि राजद उम्मीदवार डाक्टर संजीव कुमार पार्टी के वोट बैंक को अपने पक्ष में रखते हुए अपने स्वजातीय मतों में सेंधमारी करने में कामयाब रहते हैं तो एनडीए की राह आसान नहीं रहने वाली है. कुल मिलाकर परबत्ता का चुनावी रण ना सिर्फ दिलचस्प बल्कि कांटों का रहने वाला है और बेहद ही दिलचस्प बने इस सीट के चुनाव परिणाम पर प्रदेश भर के लोगों की नजर है.
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