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सांसद v/s विधायक : पुरानी राजनीतिक अदावत की एक नई कहानी
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार मनीष) : चुनावी वर्ष है और जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र की राजनीति गर्म हो चुकी है. वैसे भी यह कोई नई बात नहीं है और अमूमन हर चुनाव में जिले का परबत्ता विधानसभा क्षेत्र विभिन्न वजहों से हॉट सीट बन उभर कर सामने आ ही जा रहा है. दरअसल परबत्ता के जदयू विधायक डाक्टर संजीव कुमार अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं और शायद यही वजह रही है कि वे बराबर मीडिया में सुर्खियों में रहें हैं. क्षेत्र में उनको लेकर एक और बात प्रचलित है कि वे दोस्ती भी शिद्दत से निभाते हैं और राजनीतिक दुश्मनी को भी उसी अंदाज में लेते हैं. भले ही बिहार में परबत्ता के जदयू विधायक डाक्टर संजीव कुमार एवं लोजपा (रा) सांसद राजेश वर्मा के बीच चल रही जुवानी जंग चर्चाओं में हैं. लेकिन यह पुरानी राजनीतिक अदावत की एक नई कहानी है.
दरअसल जिले का परबत्ता विधानसभा क्षेत्र जदयू का गढ़ रहा है और इस सीट पर एनडीए के घटक दल भाजपा की वर्षों से नजर रही है. यहां से फिलहाल डाक्टर संजीव कुमार जदयू के विधायक हैं. इसके पूर्व डाक्टर संजीव कुमार के पिता आर एन सिंह ने पांच बार जीत हासिल कर जदयू का परचम लहराया है. आर एन सिंह मंत्री भी रह चुके हैं. बीते विधानसभा सभा चुनाव में उनके पुत्र डाक्टर संजीव कुमार को जदयू ने उम्मीदवार बनाया और उन्होंने भी जदयू के जीत की पटकथा लिख दी. हालांकि इस बीच गठबंधन के दौर में विभिन्न राजनीतिक परिस्थितियों में भाजपा के कुछ स्थानीय नेता विभिन्न दलों के प्रत्याशी के तौर पर इस राजनीतिक परिवार के विजय रथ को रोकने की कोशिश की. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.
बात यदि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव की करें तो उस वक्त चिराग पासवान ने बिहार के विभिन्न विधानसभा सभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान मैदान में उतार कर जदयू प्रत्याशी को कमजोर करने की कोशिश की थी. इस कड़ी में परबत्ता विधानसभा सभा सीट पर जदयू प्रत्याशी डाक्टर संजीव कुमार के विरुद्ध लोजपा ने भाजपा नेता बाबूलाल शौर्य को अपना उम्मीदवार बनाया था . बावजूद इसके जदयू ने यह सीट झटक ली थी. लेकिन इस चुनाव के साथ डाक्टर संजीव कुमार और बाबूलाल शौर्य की राजनीति अदावत बढ़ गई. इधर बाबूलाल शौर्य की लोजपा (रा) सांसद राजेश वर्मा की नजदीकियां बढ़ी और उधर परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार के निशाने पर सांसद भी आ गए. गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव के पूर्व भी परबत्ता के जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार के पिता आर एन सिंह के गढ़ में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर रामानुजन चौधरी ने भी सेंध लगाने की कोशिश की थी. उस वक्त जदयू महागठबंधन में शामिल था और महागठबंधन समर्थित जदयू प्रत्याशी के तौर पर आर एन सिंह उम्मीदवार थे. हालांकि उस वक्त भी भाजपा प्रत्याशी को चुनाव में सफलता नहीं मिली थी. लेकिन उस वक्त की राजनीतिक अदावत आज भी कायम है और वो अब एक नये रूप में सामने आ गई है.