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जयन्त जिज्ञासु ने JNU से हासिल किया पीएचडी की उपाधि

लाइव खगड़िया : जिले के अलौली प्रखंड के जयंत जिज्ञासु ने देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू, दिल्ली से पीएचडी की उपाधि हासिल शोध के क्षेत्र में जिले का नाम रोशन किया है. उन्होंने प्रो. राकेश बटबयाल के निर्देशन में अपना शोध पूरा किया है. उनकी थीसिस का टाइटल है, “रेटरिक एंड इट्स पब्लिक्स : सम आस्पेक्ट्स एंड रिसेप्शन इन इंडिया, सीए. 1967-2017” था और शोध करते हुए उन्होंने पड़ताल की है कि श्रोता, वक्ता व माध्यम, सबकी अपनी एजेंसी व स्वायत्तता होती है. इसके पूर्व उन्होंने “ब्रॉडकास्टिंग पॉलिटिकल मैसेजेज़ इन द एज ऑव मीडिया कनवर्जेन्स : ए केस स्टडी ऑव ‘मन की बात'” पर जेएनयू से ही एम. फिल. की थी.

जयन्त के गाइड प्रो बटबयाल भारतीय रेटरिकल परम्परा के बड़े विद्वान हैं और वे प्रख्यात इतिहासकार बिपन चंद्रा के अंतिम पीएचडी शोधार्थी रहे. जयन्त की थीसिस को मीडिया अध्ययन के जाने-माने प्रोफेसर डॉ. आनन्द प्रधान एवं डॉ. राजेश दास ने इग्जैमिन किया.

इधर जेएनयू समेत कई संस्थानों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों ने जयन्त की उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है. बताया जाता है कि जयन्त जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज़ के मीडिया अध्ययन केंद्र में आने के पूर्व टीएनबी कॉलेज, भागलपुर, भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली और सेंट स्टीवन’स कॉलेज, दिल्ली के सेंटर फॉर जेंडर, कल्चर एंड सोशल प्रोसेसेज़ के छात्र रहे हैं. वे तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन में अपने बैच के सर्वश्रेष्ठ डिबेटर रह चुके हैं.

जयन्त ने 2017 में रूस में आयोजित वर्ल्ड फेस्टिवल ऑफ यूथ एंड स्ट्यूडेंट्स में भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य के रूप में शिरकत की थी. वे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व शोध पत्रिकाओं में आलेख लिखते रहे हैं.

जयन्त ने अपनी थीसिस अपने गुरु गोपाल प्रसाद दूबे, महेश मिश्र, यूएन मल्लिक, डीटीके दत्ता, मसऊद अहमद, अखिलेश्वर ठाकुर, आलोक चौबे, नीलिमा राजहंस, कैरन गैब्रियल और शीरीं ज़बां ख़ानम को समर्पित किया है. जयन्त की मां शान्ति कुमारी व पिता हलधर प्रसाद ने अपने बेटे की उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनके शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की है.

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