
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई कलश स्थापना, पहले दिन हो रही माता के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : शारदीय नवरात्र रविवार से प्रारंभ हो गया. जिसको लेकर अगुआनी-गंगा घाट, नयागांव सीढी गंगा घाट, कबेला, गंडक सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ काफी देखी गई. इधर विभिन्न दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश की स्थापना किया गया. उसके पूर्व संकल्प का कार्य संपन्न हुआ. कई श्रद्धालुओं ने अपने घर में भी कलश स्थापना कर मां दुर्गा का आह्वाहन किया तथा मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा किया. वहीं संध्या पूजा में भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी. उधर मूर्ती कलाकार प्रतिमा का अंतिम रूप देने में लगे हुए है.


जिले के परबत्ता प्रखंड के नयागांव सतखुट्टी स्थित स्वर्ण मां दुर्गा मंदिर में कलश स्थापना को लेकर अपनी एक अलग परंपरा रही है. इस क्रम में नवरात्र के प्रथम दिन मंदिर परिसर से गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई. पुरानी परंपरा के अनुसार नयागांव सीढी गंगा घाट पर पूजन किया गया. वहीं मंदिर के मुख्य पुरोहित डब्लू मिश्र कलश में गंगा जल भरकर जब मंदिर की ओर प्रस्थान किये तो हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी संग-संग चल पड़े. इस दौरान मुख्य पंडा के चरणों में जल चढाने की होड़ मची रही. जिसके उपरांत नयागांव शिरोमणि टोला में स्थापित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में धूमधाम से कलश स्थापना किया गया. इसके पूर्व सीढी गंगा घाट नयागांव से कलश में जल भरकर गाजे बाजे के सैकड़ों की संख्या में लोग मंदिर पहुंचे. अतिप्राचीन सिद्ध पीठ श्री चतुर्भूजी दुर्गा मंदिर बिशौनी में डॉ प्राण मोहन कुंवर, पंडित मनोज कुंवर, आचार्य उत्कर्ष गौतम उर्ष रिंकु झा आदि पंडितो के द्वारा विधि विधान से कलश स्थापना किया गया. वैष्णवी दुर्गा मंदिर खजरैठा में बनारस से पहुंचे पंडित आशीष झा, कृष्णकांत झा, सत्यम झा, आचार्य अर्जुन झा, दुर्गा मंदिर सिराजपुर में पंडित अबोध चौधरी आचार्य, नूनू पंडित उर्फ प्रियरंजन मिश्र के द्वारा कलश स्थापना का कार्य किया गया. भारद्वाज भगवती मंदिर कबेला में 20 कलश का स्थापना पंडित रामानंद मिश्र, आचार्य बलराम कुंवर, राजाराम कुंवर, बालकृष्ण कुंवर, राजीव कुंवर, मनखुश कुंवर, चिंतन कुंवर, मुरारी कुंवर, संजय कुंवर, आदित्य कुंवर, राजकिशोर कुंवर नवीन कुँवर, मिथिलेश कुँवर के द्वारा किया गया. सार्वजनिक दुर्गा मंदिर चकप्रयाग में पंडित नूनू बाबू, आचार्य प्रभाष चौधरी के द्वारा कलश स्थापित किया गया.



कुल्हड़िया में नवरात्रि पर भव्य कलश शोभा यात्रा निकाला गया. कलश शोभा यात्रा की शुरुआत गांव के ही पुराने कुएं से किया गया. इस दौरान 108 कुमारी कन्याओं ने जल भरकर पूरे गांव का भ्रमण करते हुए सार्वजनिक दुर्गा मंदिर कुल्हड़िया पहुंचीं. जहां विधिवत तरीके से आचार्य कौशलेंद्र झा के द्वारा पूजा पाठ कर कलश स्थापना की गई.

सोमवार को होगी ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा
नवरात्र के दूसरे दिन सोमवार को मां की द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी का पूजा किया जाएगा. ब्रह्मचारिणी का अर्थ है कि असीम, अनन्त में विद्यमान, गतिमान है. बताया जाता है कि एक ऊर्जा है जो अनन्त में विचरण करती है. देवी मां असीमित, अनन्त हैं. जिनकी कोई सीमाएं नहीं है. ब्रह्मचारिणी सर्वव्यापक चेतना है. जिसका कोई आदि या अंत न हो, वह सर्वव्याप्तव सर्वश्रेष्ठ है और उसके पार कुछ भी नहीं.