Breaking News

पुण्यतिथि पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि

लाइव खगड़िया : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर शहर के कोशी कॉलेज रोड स्थिन एक मकान में फुले फातिमा अंबेडकर जगदेव कर्पूरी मंडल विचार मंच के द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. इस अवसर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई और उन्हें नमन किया गया.

इस अवसर पर संबोधित करते हुए युवा शक्ति के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेंद्र सिंह त्यागी ने कहा कि 30 जनवरी 1948 का दिन देश के इतिहास में एक काले दिन के तौर पर दर्ज है. इसी दिन दिल्ली के बिरला हाउस परिसर में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी. भारत की आजादी में बापू के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. उस वक्त वे दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे. जिसकी वजह से ही भारत में उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. वहीं उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने वकालत की पढ़ाई करने के बाद अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में शामिल हुए और 1919 में रोलेट एक्ट कानून का विरोध शुरू किया. इस एक्ट के तहत बिना मुकदमा चलाए किसी भी व्यक्ति को जेल भेजने का प्रावधान था. महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की घोषणा की और पूरे देश में आंदोलन किया गया. गांधी जी ने असहयोग आंदोलन दांडी यात्रा भारत छोड़ो आंदोलन और नागरिक अवज्ञा आंदोलन भी किया और महात्मा गांधी के इस आंदोलन के सामने अंग्रेजों को झुकना पड़ा था.

मौके पर अवध बिहारी संस्कृत कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ. उमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बीच वैचारिक मतभेद थे, लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमेशा महात्मा गांधी का सम्मान किया करते थे और सबसे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कह कर पुकारा था. 6 जुलाई 1944 में रंगून रेडियो स्टेशन में अपने भाषण में सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर बुलाया था.

इस अवसर पर स्वराज इंडिया के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह, जान पहचान संघ के मुल्कराज आनंद, परमानंद सिंह, जाप के जिला अध्यक्ष कृष्णानंद यादव, अमित कुमार मंटू, जन अधिकार युवा परिषद के जिलाध्यक्ष अभय कुमार गुड्डू, प्रकाश सिंह, मुकेश सिंह, वीरेंद्र सिंह कुशवाहा, वंदेलाल सिंह, रतन सिंह आदि उपस्थित थे.

Check Also

जयंती पर याद किये गए डॉ. राम मनोहर लोहिया

जयंती पर याद किये गए डॉ. राम मनोहर लोहिया

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: