लाइव खगड़िया : अमूमन इंसानों की मौत पर रीति-रिवाज के साथ अंतिम विदाई देखने को मिलती है. लेकिन जिले में आस्था व मानवता का अनोखा रूप दिखा है और एक बंदर की मौत के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है. लोगों को ऐसा लग रहा है कि जैसे कोई अपना उनके बीच से चला गया है. इतना ही नहीं पूरे सम्मान के साथ बंदर का हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार भी किया गया. जिसमें दर्जनों ग्रामीण शामिल हुए.
दरअसल जिले के बलोर, मोरकाही व सिमराहा में एक बंदर करीब तीन माह से विचरण कर रहा था. बताया जाता है कि बंदर ने खुद से रस्सी खींच कर नाव के सहारे नदी पार किया था. इस बीच बंदर बुधवार को गांव के भगवान राम की मूर्ति को प्रणाम किया. कहा तो यह भी जा रहा है कि राधा – कृष्ण की मूर्ति के गले लगकर वो रोया भी और फिर पेड़ पर से बिजली के ट्रांसफार्मर पर छलांग लगा दी. जिससे करंट लगने से उसकी मौत हो गई. बंदर की इन हरकतों से स्थानीय लोगों की आस्था जग गई और लोगों ने उन्हें भगवान हनुमान का प्रतीक मानकर सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने का फैसला किया.
बंदर की मौत के बाद फूलों से अर्थी सजाई गई और फिर गाजे-बाजे के साथ शवयात्रा निकाली गई. शवयात्रा में शामिल लोग भावुक नजर आए. फिर हिंदू रिति रिवाज के साथ बंदर का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
ग्रामीण बताते हैं कि बंदर हनुमानजी का ही रूप हैं और बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी उससे बेहद प्यार करने लगे थे. वह गांव में आया जाया करता था और लोग उन्हें मेहमान की तरह भोजन कराते थे. बहरहाल मामला चर्चाओं में है.
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