लाइव खगड़िया : “खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है”...उर्दू एवं फारसी के कवि मुहम्मद इकबाल के इन शब्दों को राजनीतिक रूप से हकीकत में बदल डाला हैं परबत्ता के जदयू विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने. साथ ही उन्होंने विगत एमएलसी चुनाव में अपनी हार का बदला अपने भाई राजीव कुमार को जीत की दहलीज पर पहुंचाकर भाजपा के निवर्तमान एमएलसी रजनीश कुमार से ले लिया है. उल्लेखनीय है कि गुरूवार को हुए मतगणना में बेगूसराय-खगड़िया क्षेत्र के एमएलसी चुनाव में निवर्तमान एमएलसी सह भाजपा समर्थित उम्मीदवार रजनीश कुमार को हार का मुंह देखना पड़ा है. जबकि पूर्व मंत्री आर एन सिंह के पुत्र एवं परबत्ता के जदयू विधायक डॉक्टर संजीव कुमार के भाई राजीव कुमार को कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के तौर पर जीत मिली है. गौलतलब है विगत एमएलसी चुनाव में महागठबंधन समर्थित जदयू उम्मीदवार के तौर पर डॉक्टर संजीव कुमार को राजग समर्थित भाजपा प्रत्याशी रजनीश कुमार ने एक कांटे के मुकाबला में हराया था. इस बीच डॉक्टर संजीव कुमार बीते विधानसभा चुनाव में जदयू की टिकट पर परबत्ता के विधायक बन गए. ऐसे में इस बार के एमएलसी चुनाव में उनके भाई राजीव कुमार मैदान में उतरे और भाजपा समर्थित उम्मीदवार रजनीश कुमार को मात देते हुए जीत दर्ज कर ली. मिली जानकारी के अनुसार राजद व वाम समर्थित प्रत्याशी मनोहर कुमार यादव ने 1289, राजग के रजनीश कुमार ने 1952 एवं कांग्रेस के राजीव कुमार ने 2487 मत हासिल किया है और राजीव कुमार 535 मतों से विजयी रहे हैं
बहुत आसान नहीं था राजीव कुमार की राह
गठबंधन के राजनीतिक की दौर में दो प्रमुख गठबंधन के दमदार प्रत्याशियों के जबड़े से जीत का सेहरा उड़ा ले जाना राजीव कुमार के लिए बहुत आसान भी नहीं था. चुनावी मैदान में एक तरफ राजग समर्थित भाजपा उम्मीदवार राजनीश कुमार थे, जो लगातार दो जीत दर्ज करने के बाद हैट्रिक जीत के मुहाने पर खड़े थे. तो दूसरी तरफ हाल ही में राजद का दामन थाम राजद व वाम समर्थित प्रत्याशी के तौर पर नगर परिषद के पूर्व सभापति मनोहर कुमार यादव ताल ठोक रहे थे. ऐसे में कई राजनीतिक पंडित कांग्रेस प्रत्याशी राजीव कुमार को मुख्य मुकाबले से ही बाहर बता रहे थे. लेकिन परबत्ता के जदयू विधायक राजनीतिक बंदिशों को दरकिनार कर अंतिम वक्त तक अपने भाई राजीव कुमार के लिए पतवार बने रहे और उन्हें जीत की नैया को मंजिल तक पहुंचाकर ही दम लिया. इस बीच कई राजनीतिक समीक्षक राजीव कुमार का देर से चुनाव प्रचार शुरू करने जैसी बातें कहते हुए कई अन्य तरह की चर्चाएं करते रहे. लेकिन यह भी एक सच्चाई थी कि चुनाव को लेकर उनकी तैयारी वर्षों से चल रही थी और आखिरकार यह उनके लिए एक सुखद परिणाम लेकर सामने आया.
क्षेत्र की राजनीति में तेज धमक छोड़ गए हैं डॉक्टर संजीव
अपने बिदांस अंदाज को लेकर चर्चाओं में रहने वाले परबत्ता के जदयू विधायक डॉक्टर संजीव कुमार एनडीए के घटक दलों में बेगूसराय-खगड़िया की सीट जदयू कोटे में लाने और यहां से उनके भाई राजीव कुमार एमएलसी चुनाव में मैदान में उतारने की चाहत रखते थे. लेकिन यह सीट भाजपा की सिटिंग सीट रही थी और उनके प्रत्याशी रजनीश कुमार लगातार दो चुनावों से फतह हासिल करते आ रहें थे. ऐसे में ऐसा संभव नहीं हो सका और एनडीए समर्थित भाजपा उम्मीदवार के तौर पर निवर्तमान एमएलसी रजनीश कुमार एक बार फिर मैदान में उतारे गए. वर्षों से अपने भाई राजीव कुमार के लिए चुनाव की तैयारियों में जुटे विधायक डॉक्टर संजीव कुमार के लिए राजनीतिक रूप से यह किसी झटके से कम नहीं था. लेकिन उन्हें अपनी तैयारियों व खुद की राजनीतिक हैसियत का शायद एहसास रहा था और आखिरकार उनके भाई राजीव कुमार कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर ही गए. हलांकि राजनीतिक तौर पर यह एक कठिन फैसला था और साथ ही उनके लिए एक जदयू विधायक के तौर पर कई राजनीतिक बंदिशें भी थी. लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और खुलकर अपने भाई के पक्ष में सामने आये. अब माना जा रहा है राजीव कुमार की जीत जदयू विधायक डॉक्टर संजीव कुमार के राजनीतिक हैसियत को और भी बढ़ा गया है और आने वाले दिनों में इसकी धमक और भी तेज सुनाई दे सकती है.