राजद से उम्मीदवारी मिलने के साथ मनोहर अपने राजनीतिक सफर के अहम मोड़ पर
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार मनीष) : दशकों तक जाप सुप्रीमो पप्पू यादव के कदम से कदम मिलाकर चलने वाले पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव ने जिस उम्मीद के साथ ‘जाप’ को अलविदा कह ‘राजद’ में कदम रखा था, उस उम्मीद को एक नई उड़ान मिल गया है और निकाय कोटे से होने वाले विधान परिषद के चुनाव के लिए उन्हें राजद का समर्थन मिल गया है. राजद ने 24 सीटों पर हो रहे बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए 21 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. जिसमें बेगूसराय -खगड़िया सीट से मनोहर यादव का नाम भी शुमार है. हलांकि मनोहर यादव को राजद का समर्थन मिलने की चर्चाओं को उस वक्त ही उड़ान मिल गया था, जब वे लाव-लश्कर के साथ राजद की सदस्यता बीते वर्ष ग्रहण की थी. इस चर्चाओं को इसलिए भी बल मिला था कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद वे चुनाव की तैयारियों में जुट गए थे. इस क्रम में उनका नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों से मिलने का सिलसिला जारी रहा.
दरअसल मनोहर यादव का नगर की राजनीति से बाहर निकल कर पटना की गलियारें तक पहुंचने का यह कोई प्रयास नहीं है. उन्होंने जाप की टिकट पर खगड़िया विधान सभा क्षेत्र से दो बार अपनी किस्मत भी आजमाई थी. लेकिन गठबंधन के राजनीतिक दौर में उन्हें निराशा हाथ लगी. इस बीच उन्होंने दो ध्रुवों में बंटी बिहार की राजनीति में से महागठबंधन के एक मजबूत घटक दल राजद में एंट्री ली और अब एमएलसी चुनाव में उन्हें राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. राजनीति जानकारों की मानें तो यह चुनाव मनोहर यादव के राजनीति सफर का अहम मोड़ है और चुनावी सफलता उनकी राजनीति को ऩई गति दे सकता है. लेकिन यदि विफलता हाथ लगी तो यह उनके राजनीतिक कौशल पर भी एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर सकता है. हलांकि विधान परिषद चुनाव में एक उम्मीदवार के रूप में मनोहर यादव की राह बहुत आसान भी नहीं रहने वाली है. चुनावी मैदान नया है, जिसमें चुनावी राजनीति के पुराने दिग्गज ताल ठोकते हुए नजर आ रहे हैं. साथ ही महागठबंधन के घटक दलों की स्थिति पर भी संदेह के बादल मंडरा रहे हैं. बावजूद इसके मनोहर यादव की उम्मीदवारी को तो कमतर नहीं ही आंका जा सकता है. लेकिन निश्चय ही उनकी राजनीति मंजिल में अभी भी एक फासला है.