रस्मों को दरकिनार कर संविधान की शपथ ले संपन्न अनूठी शादी चर्चाओं में
लाइव खगड़िया (स्टेट डेस्क) : आम तौर पर शादियों में खूब धूमधाम होती है और शाही शादियों की ही ज्यादा चर्चाएं होती है. लेकिन दो जजों की अनूठी शादी सुर्खियों में है. इस शादी में पारंपरिक रीति-रिवाज को किनारे रख संविधान की शपथ खाई गई. शादी में न बाजा था और न बाराती और ना ही धूमधाम. अमूमन शादियों में की जाने वाले अनावश्यक खर्च के प्रचलन के बीच सादगी से भरी यह शादी समाज में एक मिसाल पेश कर गया है. इतना ही नहीं शादी में न पंडित थे और न ही वर-वधू ने सात फेरे ही लिए और ना ही पारंपरिक विधि-विधान को ही अपनाया गया. वर व वधू दोनों ही जज थे, ऐसे में दोनों ने संविधान की शपथ ली. फिर एक-दूसरे के गले में जयमाला डालकर सदा के लिए एक-दूजे के हो गए.
बेहद ही खास ढंग से पटना के अम्रपाली रेस्ट्रोरेंट में सोमवार को संपन्न शादी की खूब चर्चाएं हैं. खगडिया सिविल कोर्ट के जज आदित्य प्रकाश तथा पटना सिविल कोर्ट के जज आयुषी कुमारी की शादी समारोह में न पंडित व न बैंड बाजा और न ही बाराती दिखे. साथ ही कन्यादान, सिंदूरदान व अग्नि के सात फेरे जैसी रस्मों को भी पूरी नहीं की गई. शादी के क्रम में पहले दुल्हन ने शपथ पत्र पढा. फिर दोनों ने एक साथ शपथ पत्र दोहराया. जिसके उपरांत जयमाला के बाद दूल्हे ने शपथ ली कि अपनी पत्नी को सिंदूर का इस्तेमाल सौदर्य प्रसाधन के रूप में करने का अधिकार देते हैं. जिसके साथ ही शादी संपन्न हो गई. बहरहाल न्यायिक दंडाधिकारी की दहेज मुक्त अनूठी शादी खूब सुर्खियां बटोर रही है.