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चक्रवाती तूफान ‘यास को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर, SDRF की टीम तैयार




लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : चक्रवाती तूफान ‘यास’ के संभावित खतरे को देखते बिहार सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन तैयार एवं सतर्क हो चुकी है. इस क्रम में जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने जिले के अनुमंडल पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों, विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, नगर परिषद व नगर पंचायत गोगरी के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ वर्चुअल बैठक की और सभी को क्षेत्र में रहने एवं सतर्क रहने का निर्देश दिया है. 


उल्लेखनीय है कि मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा सूचित किया गया है कि यास चक्रवात का बिहार में 27 मई से 30 मई के बीच असर दिख सकता है और इसके प्रभाव से आंधी – तूफान, तेज हवा, वज्रपात एवं मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है. जिससे पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित रहने, गृहक्षति, फसलक्षति, जलजमाव की घटना भी घटित हो सकती है. जिसको लेकर जिलाधिकारी ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चक्रवात से उत्पन्न संभावित खतरों के बारे में आम जनता के बीच माइकिंग कराई जाए और उन्हें अपने घरों में रहने की अपील की जाए. जिसके उपरांत अंचल अधिकारियों के द्वारा सभी अंचलों में माइकिंग कराकर लोगों से इस संबंध में अपील की गई है. 


जिला आपदा प्रबंधन शाखा के द्वारा भी सभी संबंधितों को पत्र निर्गत कर सतर्क एवं तैयार रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार के जानमाल की क्षति, गृहक्षति, फसलक्षति इत्यादि का आंकलन कर तुरंत जिला को प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जा सके और इसके आलोक में मुआवजा दिया जा सके. किसी भी क्षति की सूचना प्राप्त होने पर इसका आंकलन कर अंचल अधिकारी डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को अविलंब रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता अथवा जिला पदाधिकारी को भी इस संबंध में सूचित की जा सकती है. जिसको लेकर डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पूर्ण रूप से सक्रिय है.

चक्रवात से निपटने हेतु एसडीआरएफ की टीम को पूरी तैयारी से रहने का निर्देश दिया गया है. इस बीच तैयारी के क्रम में एसडीआरएफ टीम के द्वारा बुधवार को मॉक ड्रिल किया गया. इधर कोविड केयर सेंटर एवं डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में चक्रवात के मद्देनजर विद्युत आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने की स्थिति से निपटने के लिए जनरेटर से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि इनमें भर्ती मरीजों की चिकित्सा में कोई बाधा ना उत्पन्न हो और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर निर्बाध रूप से काम करता रहे.

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