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माघी पूर्णिमा पर अब नहीं दिखती ग्रामीण संस्कृति का ध्वजवाहक बैलगाड़ी




खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : अगुवानी के प्रसिद्ध उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर माघी पूर्णिमा के दिन हजारों हजार की संख्या में महिला एवं पुरुष गंगा स्नान के लिए पहुंचे हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान एवं दान पुण्य फलदायी सिद्ध होता है. मान्यता है कि माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं. ऐसे में इस पावन अवसर पर गंगाजल का स्पर्श मात्र भी स्वर्ग की प्राप्ति देने जैसा हैं. माघ पूर्णिमा के दिन महास्नान समस्त रोगों को शांत करने वाला है. इस समय “ओम भगवते वासुदेवाय”  का जप करते हुए स्नान व दान करना चाहिए.

एक वो दौर भी रहा था जब माघी पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुअपने घर से बैलगाड़ी  पर सवार होकर गंगा नदी पहुंचते थे और बैलगाड़ी का क्रेज माघी पूर्णिमा में एक अलग होता था. लेकिन बैलगाड़ी की सवारी आज विलुप्त होने के कगार पर है. भले ही आज बैलगाड़ी का स्थान उन्नत अन्य वाहन ने लिया है. लेकिन देश में प्राचीन काल से ग्रामीण संस्कृति की आन बान शान बैलगाड़ी के महत्व को नहीं नकारा जा सकता है. वैसे आज भी दियारा इलाके में बैलगाड़ी का उपयोग किया जाता है. सरस्वती पूजा के बाद गांव के लोग माघी पूर्णिमा में स्नान करने के लिए तैयारी प्रारंभ कर देते थे. बैलगाड़ी को दुरुस्त करने का कार्य किया जाता था तथा बैल के गले में  घंटी एवं घुंघरू बांधकर माघी पूर्णिमा में बैलगाड़ी पर सवार होकर गंगा स्नान करने के लिए जाते थे. लेकिन आज बैल के गले में बंधी घंटी की आवाज गुम होने लगी है.


अगुवानी गंगा घाट पर माघी पूर्णिमा के दिन पहलवानों का जमावड़ा हुआ करता था. जो कि अब खत्म हो गया है. उस वक्त दूर दराज के नामचीन पहलवान अपनी ताकत का जलवा लोगों को दिखाते थे और माघी पूर्णिमा के दिन गंगा तट पर हजारों की संख्या में लोग कुश्ती प्रतियोगिता का आनन्द लेने के लिए जमा होते थे.

माघी पूर्णिमा के अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा श्रद्धालुओं को सेवा प्रदान करने की परंपरा रही है. इस क्रम में हमारा परबत्ता व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा इस बार भी घाट पर महिलाओं के लिए कपड़े बदलने हेतु चेंज रुम व नि:शुल्क जल की व्यवस्था की गई है.  उधर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों को लेकर सीओ अंशू प्रशून ने बताया है कि अगुवानी बस स्टैंड एवं गंगा घाट पर सुरक्षा की व्यवस्था अपनाई जाएगी. जिसरे लिए दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया है. साथ ही गंगा घाट पर गोताखोर तैनात रहेंगे और गंगा नदी में नाव का परिचालन बंद रहेगा. साथ ही घाट पर एक सूचना सहायता केंद्र बनाया जाएगा.

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