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विभिन्न मांगों को लेकर किसान विकास मंच ने लिया संघर्ष का शपथ




लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : एक तरफ नीतीश कुमार सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री का शपथ ले रहे थे तो दूसरी तरफ बिहार किसान मंच के नेता रूप जहाँ नीतीश कुमार को किसान विरोधी करार देते हुए किसान हित में संघर्ष करने का शपथ ले रहे थे. मामले पर बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू ने बताया कि नीतीश कुमार ने पूर्व मे प्रधान मंत्री फसल बीमा व कृषि उत्पादन बाजार समिति को बंद कर दिया. जिससे बिहार में न तो सरकारी मंडी रही है और न ही सरकारी खरीद की गारंटी. ऐसे में नीतीश सरकार ने बिहार के किसानो को बिचौलिए के हवाले कर दिया है. 

किसान नेता ने कहा हौ कि केन्द्र की एनडीए सरकार ने उर्वरक के सब्सिडी में कटौती कर दिया है. दूसरी तरफ खरीफ धान में मात्र 53 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है, लेकिन बिहार सरकार ने अभी तक धान खरीद करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है. ऐसे में किसान बिचौलियों के हांथ 1200 रुपए प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर है. 

वहीं किसान नेता ने बताया कि बिहार के किसान आज विभिन्न मांगों को लेकर संघर्ष करने का शपथ लिया है. किसानों की विभिन्न मांगों में बिहार में पंजाब की तरह न्यूतमतम समर्थन मूल्य MSP को कानून का दर्जा देने, बंद APMC मंडी व कृषि उत्पादन बाजार समिति को पुनः खोलने, खेती-किसानी में किसान को भी मनरेगा मजदूर की तरह समायोजन कर मजदूरी देने, किसानों का ऋण माफ़ करने, वर्ष 2020-21 के प्रदेश के 16 जिला के 134 प्रखंडों के 1012 पंचायतों में बाढ से क्षतिग्रस्त 8 लाख हेक्टेयर भूमि के फसल क्षति की कुल राशि 999 करोड़ 60 लाख रुपये बकाया किसानों को भुगतान करने जैसी मांगें शामिल हैं. किसान नेता ने बताया है कि यदि सरकार नवम्बर तक इन मांगों को पूरी नहीं करती है तो दिसंबर के प्रथम सप्ताह से आंदोलन चलाया जायेगा.

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