
खगड़िया : जिले में सादगी से की गई भगवान चित्रगुप्त की पूजा
लाइव खगड़िया (मनीष/मुकेश) : कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए शहर के चित्रगुप्तनगर स्थित मंदिर में सोमवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना सादगी पूर्ण तरीके से की गई. इस बार पूजा के बाद प्रसाद का वितरण नहीं किया गया. उल्लेखनीय है कि चित्रगुप्त महापरिवार के पदाधिकारियों ने आपसी चर्चा के बाद इस आशय का निर्णय लिया था. जिसमें चित्रगुप्त महापरिवार के संरक्षक सह पूर्व अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता अशोक नारायण वर्मा, वर्तमान अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता अशोक नारायण कर्ण, उपाध्यक्ष नीलरतन अम्बष्ट, महासचिव रविश चंद्र, कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार (अधिवक्ता), संयुक्त सचिव अजिताभ सिन्हा, राजीव प्रसाद उर्फ पिंकू बाबू, नवीन कुमार सिन्हा, पवन कुमार सिन्हा आदि शामिल थे.
संस्था के संयुक्त सचिव अजिताभ सिन्हा ने बताया हौ कि कोविड नियमों के तहत चित्रगुप्त मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनकर आने का आग्रह किया गया है और मंदिर परिसर में सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि भगवान चित्रगुप्त को पारंपरिक तौर पर चढ़ाया जाने वाला ‘आदि -गुड़” का प्रसाद ही चढ़ाया गया है, लेकिन विगत की वर्षों की तरह इस बार प्रसाद का वितरण नहीं किया जा रहा है. जबकि सजावट की व्यवस्था को भी औपचारिक रूप से मंदिर परिसर तक ही सीमित रखा गया है और लाउडस्पीकर नहीं लगाया गया है. इस बार बच्चों के प्रतियोगिता का कार्यक्रम का आयोजन भी नहीं किया गया है. उन्होंने बताया है कि चित्रांश बंधुओं ने चित्रगुप्त महापरिवार के निर्णय का समर्थन किया है.
उधर जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत गोविंदपुर पंचायत के कन्हैयाचक गांव में भी सोमवार को प्रतिमा स्थापित कर चित्रगुप्त पूजा किया जा रहा है. वहीं चित्रांश समाज के द्वारा परंपरागत विधि विधान के साथ दावात पूजन किया गया. बताया जाता है कि कन्हैयाचक गांव में 1934 में स्थापित चित्रगुप्त मंदिर की स्थापना गांव के कुछ कायस्थ परिवारों के द्वारा किया गया था. तब से लेकर अब तक प्रतिवर्ष यहां परंपरागत तरीके से दावात पूजन किया जाता है. एक दशक पूर्व तक यह मेला छठ पूजा के पूजन सामग्री के खरीद बिक्री का प्रमुख केन्द्र हुआ करता था. लेकिन विगत एक दशक में प्रखंड के सभी छोटे बड़े गांवों में छठ पूजन सामग्री की उपलब्धता होने से मेला में पूजन सामग्री की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है. पूजा को लेकर चित्रांश समाज के लोगों के बीच भक्तिमय माहौल बना हुआ है.