
खगड़िया : फिर दिखेगा मास्टर स्ट्रोक या इस बार भारी पड़ेगा विपक्ष का बाउंसर !
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : तीन नवंबर को मतदान संपन्न होने के साथ ही जिले के चारों विधानसभा सीटों के विभिन्न प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो जायेगा और 10 नवंबर को मतगणना के बाद इन सीटों पर किस उम्मीदवार के भाग्य का पिटारा खुलता है, यह तो वक्त ही बतायेगा.
फिलहाल, खगड़िया विधानसभा क्षेत्र के विगत के चुनावी आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो यहां मुख्य मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन समर्थित उम्मीदवारों के बीच ही रहा है. जबकि अन्य उम्मीदवारों के द्वारा मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश अबतक सफल नहीं हो सकी है. इस बीच स्थानीय मुद्दे अपनी जगह और चुनावी आंकड़े अपनी जगह रहा है. इस बार के चुनाव में एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी पूनम देवी यादव के सामने महागठबंधन समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार छत्रपति यादव जंग-ए-मैदान में हैं. जबकि जाप के उम्मीदवार मनोहर कुमार यादव, लोजपा के रेणु कुमारी व निर्दलीय प्रत्याशी ई. धर्मेन्द्र मुकाबले में नया कोण बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करते हुए दिख रहे है. वैसे इस सीट से कुल 21 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. हलांकि परंपरागत राजनीतिक आंकड़ों को ध्वस्त करने में इन्हें कितनी सफलता मिलती है, यह तो वक्त ही बतायेगा. साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी ई. धर्मेन्द्र के लिए चाणक्य की भूमिका निभा रहे उनके बड़े भाई डॉ विवेकानंद की राजनीतिक मुहिम कितना रंग ला पाता है, यह देखना भी दिलचस्प होगा. हलांकि वर्षों से चली आ रही परंपरागत चुनावी आंकड़े को एक झटके में ध्वस्त कर देना बहुत आसान नहीं होगा. वैसे जाप प्रत्याशी मनोहर कुमार यादव ने जाप के प्रत्याशी के तौर पर ही 2010 के चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी और वे 12 हजार 791 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि ई. धर्मेन्द्र ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर वर्ष 2010 में भी चुनावी मैदान में उतरे थे और वे 15 हजार 237 मत प्राप्त कर उस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे. वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के तौर पूनम देवी यादव ने 64 हजार 767 मत प्राप्त कर हम के उम्मीदवार राजेश कुमार को 25 हजार 565 वोट से पराजित किया था. जबकि 2010 के चुनाव में जदयू उम्मीदवार के तौर पर पूनम देवी यादव ने 48 हजार 841 मत प्राप्त कर लोजपा प्रत्याशी सुशीला देवी को 26 हजार 853 वोट के बड़े अंतर से मात दे दी थी. हलांकि हर चुनाव में मैदान नया और कुछ नई परिस्थियां भी होती है. ऐसे में इस बार के परिणाम के लिए तमाम कयासों को दरकिनार कर थोड़ा इंतजार करना होगा.
वैसे बात खगड़िया विधानसभा क्षेत्र के चुनावी राजनीति की करें तो एक और रोचक पहलू है. एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी पूनम देवी यादव जिले की राजनीतिक इतिहास में एक नया रिकार्ड बनाने के मुहाने पर खड़ी हैं. यदि इस बार फिर उन्हें चुनाव में सफलता मिलती है तो यह उनकी लगातार पांचवी जीत होगी. दिलचस्प पहलू रहा कि गठबंधन के चुनावी राजनीति के दौर में विगत के चुनावों में घटक दलों की स्थितियां बदलती रही है, लेकिन नहीं बदला है तो पूनम देवी यादव के जीत का सफर. वैसे भी किसी प्रत्याशी का लगातार चार जीत को तुक्का तो नहीं ही माना जा सकता है. शायद यही कारण रहा है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुनावी सभा में पूनम देवी यादव को मंत्री बनाने तक का मुद्दा मंच से उठ गया. राजनीतिक समीक्षक पूनम देवी यादव के अबतक के जीत के सफर को गठबंधन व पूर्व विधायक रणवीर यादव के आधार मतों से जोड़ कर देखते हैं. उल्लेखनीय है कि एनडीए प्रत्याशी पूनम देवी यादव खगड़िया के पूर्व विधायक रणवीर यादव की पत्नी है. बहरहाल देखना दीगर होगा कि वे लगातार पांचवी बार चुनावी मैदान में मास्टर स्ट्रोक लगाने में सफल होतीं हैं या फिर उनके विरोधियों का आक्रामक बाउंसर गेंदबाजी भारी पड़ता है.