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बिहार में सत्ता व पैसा का चल रहा खेल, किसान बेबस मरने को मजबूर : टुडू




लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : “बिहार के नेता चुनाव में मस्त, किसान बेचारा हो गया पस्त…बिहार में सत्ता से पैसा व पैसा से सत्ता का खेल चल रहा है.  दूसरी तरफ किसानों को पहले भाव नहीं मिलने से उनका मक्का बर्बाद हुआ और अब खरीफ को बाढ़ ने डूबा दिया है. स्थिति यह बन आई है कि दूसरों का पेट भरने वाला किसान आज खुद भूखे रहने पर बेबस हैं. लेकिन किसी भी राजनीतिक दल के नेता सदन के पटल पर किसानों की आवाज नहीं उठा रहे हैं.”

उक्त बातें फुलवारिया मे किसान पंचायत को संबोधित करते हुए बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष सह राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति के बिहार प्रभारी धीरेंद्र सिंह टुडू ने कही. वहीं उन्होंने कहा कि बिहार 1953 मे आर्थिक स्थिति को लेकर देश के पहले पदान पर था. लेकिन आज आर्थिक रूप से प्रदेश अंतिम पदान पर इसलिए आ गया क्योंकि यहां कि कृषि पर आधारित उद्योग 44 चीनी मिलों में से मात्र 8 ही चालू है. कटिहार का जुट मिल, बिहार का कूट मिल, पेपर मिल सहित भागलपुर का सिल्क उद्योग बंद हो रहा है. बिहार से कृषक व मजदूर का पलायन रोकने के लिए कोई राजनीतिक दल ठोस कार्य योजना नहीं बना रही है. 

मौके पर धीरेंन्द्र सिंह टुडू ने कहा कि देश का विकास दर GDP में भारी गिरावट आई है और GDP घट कर -23. 9% हो गया है. जबकि कृषि विकास दर में 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बावजूद इसके कृषि क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है. स्वामी नाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करना, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून का दर्जा नहीं देना व कृषि बजट को घटाते हुए उर्वरक सब्सिडी मे कटौती करना देश के किसानों के साथ अन्याय है.

बिहार सरकार पर तंज कसते हुए किसान नेता ने कहा कि वर्ष 2019-20 के रब्बी फसल का क्षति पूर्ति की राशि 700 करोड़ 19 लाख किसानो के खाते मे अभी तक नहीं आया है. साथ ही फसल सहायता की राशि 518 करोड़ 24 लाख किसानों को आज तक खाते में नहीं गया है. लेकिन कोई भी राजनीतिक दल इस सवालों को सदन के पटल पर नहीं उठा रहे हैं. 

वहीं किसान नेता ने बताया कि चुनाव बाद बिहार किसान मंच पूरे प्रदेश में MSP को कानून की दर्जा देने की मांग, कृषि आधारित बन्द पड़े उद्योग को चालू करने और नये उद्योग का सृजन करने, फसल क्षति पूर्ति व फसल सहायता की राशि की मांग, सहित ऋण माफ़ी, स्वामी नाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने व कृषि के तीन काला अध्यादेश को वापस लेने की मांगों को लेकर आंदोलन शुरू करेगी.

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किसान पंचायत सभा की अध्यक्षता बालतारा पंचायत के मुखिया मृत्युंजय सिंह तथा मंच संचालन राम विलाश सिंह ने किया. मौके पर किसान नेता लेखों कुमार, नगर पालिका के पूर्व चेयर मेन अनिल कुमार यादव, विमल पंडित, करे लाल सिंह आदि ने भी संबोधित किया.

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