स्वास्थ्य विभाग के डाटा ऑपरेटर आज करेंगे अपने कार्यों का बहिष्कार
लाइव खगडिया (मुकेश कुमार मिश्र) : स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग और आर के एस डाटा ऑपरेटर को बिना शर्त जिला राज्य स्वास्थ्य समिति में समायोजन की मांग एवं ऑपरेटरो ने सरकार के दोहरी नीति के विरोध में सोमवार को ऑपरेटरों ने बांह में काला बिल्ला लगाकर कार्यों का निष्पादन किया.
जिले के परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आरके एस एवं संजीवनी डाटा एंट्री कर्मी अनुपम कुमार गौतम ,अनमोल कुमार, सौरभ कुमार, अभिषेक राज ने बताया कि डाटा एंट्री ऑपरेटर संघर्ष समिति बिहार के अाह्वान पर सरकार की घोषणाओं का विरोध जारी रखते हुए कार्य निष्पादित किया गया. कर्मियों ने बताया कि वेलोग करीब 7 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अचानक आरक्षण एवं रोस्टर प्रणाली लागू किए जाने से दर्जनों कर्मियों के बेरोजगार होने का खतरा मंडराने लगा है. कर्मियों ने बताया कि कोरोना काल में भी वे लोग निष्ठा एवं समर्पण भाव से सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार अपनी सेवाएं देते रहे हैं. जिसे ध्यान में रखते हुए उन लोगों का समायोजन उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज एजेंसी में कर दिया जाए.
वहीं कर्मियों ने बताया कि उर्मिला इंटरनेशनल एजेंसी के साथ डाटा एंट्री संघर्ष समिति के साथ हुई वार्ता विफल रही है. मामले पर यदि लिखित रूप में संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो 16 जून को कार्य का बहिष्कार एवं 17 जून को राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक के समक्ष सरकारी नियमों का पालन करते हुए प्रदर्शन किया जाएगा. बताया जाता है कि निजी क्षेत्र में आरक्षण को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और राज्य सरकार की आउटसोर्सिंग वाली नौकरियों को भी आरक्षण के दायरे में लाने की तैयारी जोर शोर की जा रही है. जिसके तहत इस क्षेत्र की नौकरियों में एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा, नि:शक्त और महिलाओं के लिए आरक्षण प्रावधान को लागू करना अनिवार्य होगा.