फलक से टूट गया एक सितारा, रह गई अब सिर्फ उनकी यादें
लाइव खगड़िया (मनीष/मुकेश) : 13 मई 2019 का वो दिन था जब बॉलिवुड के सलिब्रिटी सुशांत सिंह राजपूत के खगड़िया पहुंचने पर जिले में जैसे जश्न का आलम था और आज 14 जून 2020 को उनके मौत की खबर ने उनके परिजनों व चाहने वालों को पूरी तरह से झकझोर दिया है. ऐसा लगता है कि वो कल की ही बातें रही हो जब सिनेस्टार सुशांत सिंह राजपूत जिले के चौथम प्रखंड के बोरने स्थित अतिप्राचीन मां मनसा देवी स्थान में अपना मुंडन संस्कार कराने पहंचे हों. हलांकि वक्त का पहिया घुमता गया और इस बात को एक साल से अधिक हो गये. उनकी यादें, उनकी बातेंं यहां के लोगों के दिल में आज भी ताजा है. लेकिन वक्त का लिखा कौन मिटा सकता है और उनका इस दुनियां से यूं चले जाने के मामले पर तो उनके चाहने वालों को सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा. मिली जानकारी के अनुसार सीने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को मुंबई में अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह राजपूत का जिले के चौथम प्रखंड के बोरने में ननिहाल था. बीते वर्ष वो अपनी मां द्वारा वर्षों पूर्व मांगी गई मन्नत को पूरा करने गांव के अतिप्राचीन मां मनसा देवी स्थान पहुंचे थे.
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टीवी सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ से मिली थी सुशांत सिंह राजपूत को लोकप्रियता
सुशांत सिंह राजपूत के कैरियर की शुरुआत बैकअप डांसर के रूप में हुई थी और उन्होंने फिल्मफेयर अवार्डस में भी कई बार डांस किया. इसी क्रम में बालाजी टेलिफिल्म्स की कास्टिंग टीम ने उन्हें नोटिस किया और इसके बाद उनके करियर की शुरुआत ‘किस देश में है मेरा दिल’ नामक सीरियल से हुई थी. लेकिन टीवी सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ था. फिर डांस रियलिटी शो ‘जरा नच के दिखा 2’ और ‘झलक दिखला जा 4’ में उन्होंने भाग लिया था. ‘झलक दिखला जा 4’ में उन्हें ‘मोस्ट कंसिस्टेंट परफॉर्मर’ का टाईटल मिला था. जिसके बाद सुशांत ने फिल्मों की तरफ अपना रूख कर लिया और ‘काय पो चे’ फिल्म से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था.
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आसान नहीं था बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाना
एक साधारण परिवार से आने वाले सुशांत सिंह राजपूत का कोई फिल्मी बैंकग्राउंड नही था. बाबजूद उन्होंने अपनी माता-पिता की इच्छा के बगैर ही फिल्मों को अपना करियर चुना और अपनी लगन व मेहनत से अपनी प्रतिभा को तराशते हुए इंडस्ट्री में अपना एक अलग मुकाम स्थापित करने में सफल रहे थे. इसके पूर्व एक वक्त ऐसा भी आया था जब उनके साथ अभिनेत्रियां काम तक नहीं करना चाहती थीं. इस क्रम में उनकी फिल्म ‘शुद्ध देसी रोमांस’ के लिए परिणीति चोपड़ा को साइन करने में काफी वक्त लग गया था. सुशांत सिंह राजपूत पढाई में भी अव्वल थे और वे कई परीक्षाओं में भी सफल रहे. लेकिन इंजीनियरिंग से अलग अपने जुनून को पूरा करने के लिए उन्हें फिल्मों में ही अपना करियर बनाना था. इसलिए वे पहले दिल्ली और फिर मुंबई का रूख कर लिया. मुंबई आने के बाद उन्होंने उस डांस ग्रुप के साथ भी काम किया जिसको मशहूर कोरियोग्राफर ऐश्ले लोबो ने प्रशिक्षित किया था. उन्होंने मशहूर एक्शन डायरेक्टर अलन अमीन से मार्शल आर्ट भी सीखा और फिर वे सफलता की बुलंदियों को छूते गये. उन्होंने ‘काय पो चे’, ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘पीके’, एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘वेलकम टू न्यूयॉर्क’, ‘केदारनाथ’, ‘सोनचिड़िया’, ‘छिछोरे’, ‘ड्राइव’ सहित ‘दिल बेचारा जैसे 16 फिल्मों में काम किया.
सुशांत सिंह राजपूत मूल रूप से थे पूर्णिया के मल्डीहा के निवासी
सिनेस्टार सुशांत सिंह राजपूत का पैतृक गांव पूर्णिया जिले के मल्डीहा है. उनके पिता सरकारी अधिकारी हैं. जबकि उनका परिवार वर्ष 2000 में दिल्ली में आकर बस गया. चार बहनों और एक भाई में सुशांत की एक बहन मीतू सिंह राजस्थान के राज्य स्तरीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हैं. सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी आरंभिक शिक्षा सेंट कैरेंस हाई स्कूल पटना से पूरा किया थाा. जबकि आगे की पढाई उन्होंने दिल्ली के कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल से किया. जिसके उपरांत उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से पूरी की थी.
मां के लिये लिखा अपना आखिरी पोस्ट
सुशांत सिंह राजपूत ने इंस्टाग्राम पर अपनी मां के लिए अपना आखिरी पोस्ट लिखा था.उन्होंने मां के साथ अपनी फोटो शेयर कर लिखा था कि “आंसुओं से धुंधलाता अतीत धुंधलाता हुआ, मुस्कुराते हुए और एक क्षणभंगुर जीवन को संजोने वाले सपनों में, दोनों के बीच बातचीत #मां.”
वर्ष 2002 में सुशांत के मां की हो गया था निधन
पटना के सेंट करेंस स्कूल में पढाई करने वाले सुशांत को वर्ष 2000 में पापा के ट्रांसफर की वजह से दिल्ली आना पड़ा था. दिल्ली में हंसराज मॉडल स्कूल में सुशांत ने आगे की पढाई की थी. इसी बीच वर्ष 2002 में सुशांत की मां का निधन हो गया. मां को सुशांत से बहुत उम्मीदें थीं. मां हमेशा स्कूल में सुशांत की परफॉरमेंस की तारीफ करती थी. सुशांत जब इलेवेंथ में थे तब वो फिजिक्स ओलिंपियाड में गए और वहां उन्हें गोल्ड मैडल मिला. घर वालों को लग गया था कि सुशांत में एक अच्छा इंजीनियर बनने की सारी खूबियां हैं. सुशांत ने दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग की पढाई किया था. उनका सब्जेक्ट मैकेनिकल था. लेकिन उनकी मंजिले तो कहीं और थी.