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चमत्कार : मौत को मात दे गई महिला,बालिका भी बची बाल-बाल

खगड़िया : “जाको राखे साइंया मार सके न कोई,बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय”… जी हां…घटना की तस्वीरें भले ही स्थिति की भयावता का वयान कर रहा हो.लेकिन हादसे में बच्ची सहित दो इंसानों का यूं बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है.बिल्कुल… यह चमत्कार ही था…ईश्वरीय शक्ति ही थी…जो दोनों की जान को बच गई.वर्ना हादसे में तो झोपड़ी तहस-नहस हो ही चुका था और साथ ही कई जानवारों के भी मौत की बातें कही जा रही है.घटना जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र के महेशखुंट-अगुवानी मुख्य मार्ग के महेशलेट मोड़ पर घटित हुई.मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की देर शाम एक ट्रेक्टर ट्रेलर अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे स्थित एक झोपड़ी के ईट की दीवार को तोड़ते हुए घर में जा घुसी.प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ट्रेक्टर बैसा की तरफ से काफी तेज गति से आ रही थी जो अनियंत्रित होकर झोपड़ी में घुस गई.हादसे के वक्त झोपड़ी में एक महिला जलीसा खातून और एक बालिका शहजादी खातून सोई हुई थी.हलांकि हादसे में करीब आधा दर्जन बकरियों के मौत की बातें भी कही जा रही है.लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी.वहीं स्थानीय लोगों की यदि मानें तो अनियंत्रित ट्रेक्टर महिला व बच्ची पर भी लगभग चढ ही गई थी.लेकिन दोनों मामूली रूप से घायल होते हुए मौत की मुंह से बाहर निकल आयी.बालिका मूक व बाधिर बताई जा रही है.घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दिया और मौके पर पुलिस पहुंच कर घायलों को इलाज के लिए भेजा.दूसरी तरफ घटना की जानकारी जैसे ही स्थानीय स्तर पर चलाये जा रहे एक वाट्सएप ग्रुप ‘हमारा परबत्ता’ पर शेयर हुई.वैसे ही ग्रुप के एक सदस्य सलारपुर निवासी शिक्षक ललन कुमार भी महज 10 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंचे.साथ ही ग्रुप के एडमिन सदय कुमार को भी घटनास्थल पर पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा.ग्रुप के दोनों सदस्यों के द्वारा भी पीड़ितों की मदद किया गया.बहरहाल मामले में दैवीय चमत्कार के साथ ही एक सोशल साइट की पहल क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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