जा रहे मां के दर्शन को धमहरा घाट तो वहां का फ्रायड-चावल खाना ना भूलेंगे
लाइव खगड़िया : मानसी-सहरसा रेलखंड के धमहराघाट स्टेशन के समीप अवस्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां कात्यायनी स्थान में ऩववर्ष के मौके पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है.वैसे तो हर सोमवार व शुक्रवार को यहां बैरागन में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.लेकिन बात गर नववर्ष के मौके पर मां के आशीर्वाद के साथ-साथ प्रकृति का आंनद लेने का हो तो जिले व आस-पास के लोगों के लिए इससे बेहतर कोई और जगह नहीं हो सकता.
शायद यहीं कारण रहा है कि यह जगह दिन-प्रतिदिन एक पिकनिक स्पॉट के रूप में काफी तेजी से उभर रहा है.भले ही यह दुर्गम क्षेत्र उपेक्षा के कारण आज भी सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा हो.ऐसे में सड़क मार्ग से यहां पहुंचना थोड़ा रिस्की के साथ-साथ कष्टप्रद भी हो. लेकिन यदि आप यहां पहुंच गये तो सफर की सारी थकान छू मंतर होना भी तय है.
सुदूर फरकिया इलाका,नदियों की कलकल धारा, खेतों की हरियाली व मां का दर्शन के साथ अब यहां का फ्रायड-चावल भी आगंतुकों का मन मोह जाता है.यह एक ऐसा देसी व्यंजन है जिसका स्वाद बड़े-बड़े होटलों के खाने को भी फीका साबित कर देता है.
शुद्ध ताजे मख्खन से तैयार किया गया फ्रायड-चावल पांच सितारा होटलों के फ्रायड-राइस से अलग है और इसकी खुशबू ही आपको खुद के फरकिया क्षेत्र में होने का एहसास करा जायेगा.
बहरहाल धमहराघाट स्टेशन के निकट इस तरह की दो-तीन छोटी-छोटी झोपड़ीनुमा दुकानें ही है.जहां ना तो बैठने की अच्छी जगह और ना ही खाने की बेहतर व्यवस्था मिलेगी.लेकिन यदि आप इस व्यजंन का लुप्त उठा गये तो आप यहां के फ्रायड-चावल के दीवानें हो जायेगे. नववर्ष के मौके पर इन दुकानों पर ग्राहकों की कुछ ऐसी भीड़ जुटती है कि स्टॉक सीमित होने के कारण कई लोगों की चाहत भी अधूरी रह जाती है.
बावजूद इसके लोग सड़कों पर इंतजार करते नजर आते हैं.ऐसे में कहना अनुचित नहीं होगा कि यदि आप इस क्षेत्र में आये और यहां का देसी व्यंजन फ्राईड-चावल नहीं खाया तो यहां की यात्रा आपकी अधूरी मानी जायेगी.