एक सड़क और शिलान्यास कर्ता दो, फिर तकरार कैसे ना हो !
लाइव खगड़िया : जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के एक सड़क के निर्माण कार्य के शिलान्यास को लेकर दो माननीय व उनके समर्थक आमने-सामने हैं और बेमौसम क्षेत्र की राजनीति गर्म हो चुकी है. सियासी इस जंग में जिले के कई पदाधिकारी भी कहीं ना कहीं पिसते नजर आ रहे हैं. वैसे आमजनों की बल्ले-बल्ले है. क्योंकि उनके क्षेत्र के विकास व उनकी सुविधाओं से जुड़ा मसला है. सड़क के शिलान्यास को लेकर ही सही विकास की बातें चर्चाओं में है और सियासत के विभिन्न रंग किसी मनोरंजक फिल्म की पटकथा से कम भी नहीं है.
दरअसल, शुक्रवार को जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के देवठा-पैकांत सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास स्थानीय जदयू विधायक डॉक्टर संजीव कुमार के द्वारा किया गया था. प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनने वाले इस सड़क का शिलान्यास विधायक द्वारा किये जाने की खबर से स्थानीय सांसद चौधरी महबूब अली कैसर की भौंयें तन गई और उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए डीएम को पत्र लिख डाला. सांसद की बातों पर एतबार करें तो उन्हें इस सड़क का शिलान्यास 10 अक्टूबर को करना था. लेकिन इसके पूर्व ही स्थानीय विधायक ने यह रस्म पूरी कर दी. उधर सड़क के अवैध रूप से शिलान्यास होने के मामले पर जब जिला पदाधिकारी ने गोगरी के ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा तो इस संदर्भ में उन्हें या विभाग को कोई जानकारी नहीं होने और 10 अक्टूबर को सांसद द्वारा उक्त सड़क का शिलान्यास प्रस्तावित होने की बातें बताते हुए उन्होंने मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया. इस बीच विधायक के द्वारा किये गए शिलान्यास के शिलापट्ट को तोड़ दिया गया. यह कार्रवाई किसके द्वारा की गई, यह भी अपने-आप में एक रहस्य है. हलांकि विधायक के समर्थक इसे सांसद के समर्थकों की करतूत बता रहे हैं. जबकि स्थानीय प्रशासन की मामले पर चुप्पी है. उधर कमीशन के चक्कर में विकास कार्यों को अवरूद्ध रखने का आरोप सांसद पर स्थानीय विधायक लगा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि परबत्ता के विधायक डॉक्टर संजीव कुमार एवं खगड़िया के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर की राजनीतिक अदावत कोई नई है और इसकी नींव विगत लोकसभा चुनाव के वक्त ही पड़ गया था. उस वक्त दोनों ही माननीय एनडीए समर्थित लोजपा के टिकट की रेस में शामिल थे. उस चुनाव में लोजपा की टिकट पर चौधरी महबूब अली कैसर जीत हासिल कर लगातार दूसरी बार सांसद बने. दूसरी तरफ डॉक्टर संजीव कुमार विगत विधानसभा चुनाव में परबत्ता विधानसभा सीट से जदयू की टिकट पर जीत हासिल कर विधायक बन गए. उस चुनाव में भाजपा का दामन छोड़ लोजपा की टिकट पर मैदान में बाबूलाल शौर्य ने जदयू प्रत्याशी का जमकर विरोध किया था. बाद के दिनों में बाबूलाल शौर्य स्थानीय सांसद के प्रतिनिधि बन गए. जिसके बाद से दोनों जनप्रतिनिधियों के बीच राजनीतिक तकरार बढ़ता ही गया. बहरहाल वर्तमान प्रकरण को एक पुरानी राजनीतिक अदावत की अगली कड़ी के तौर पर देखा जा सकता है और भविष्य में इसका और भी चटक रंग दिख जाने की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता है