लाइव खगड़िया : जिले के रहीमपुर मध्य पंचायत के नन्हकू मंडल टोला स्थित अश्वनी स्मृति सभागार में गुरूवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण नियम लागू होने के 28वें वर्षगाँठ पर एक समारोह का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति (अनु. जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के नियम,खगड़िया) के वरिष्ठ सदस्य राम लखन प्रसाद पासवान, प्रोफेसर तरूण प्रसाद, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कुमार भानू प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान, जदयू की प्रदेश महासचिव साधना देवी, पूर्व अंचलाधिकारी सत्यनारायण पासवान, पुलिस सब इन्सपेक्टर जयजयराम पासवान व कनीय वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कुमार भानू प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान एवं मंच संचालन दलित युवा संग्राम परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने किया.
मौके पर रामलखन प्रसाद पासवान तथा प्रो तरूण प्रसाद ने अपने-अपने संबोधन के दौरान कहा कि एसीएसटी समुदाय के लोगों के लिए शिक्षा उतनी ही जरूरी है जितनी खाने को रोटी. साथ ही वक्ताओं ने कहा कि जबतक शिक्षित नहीं होंगे तबतक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम व नियम को समझा नहीं जा सकता है. वहीं अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद् के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष बासूकीनाथ पासवान ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए अपने अधिकारों के लिए संगठित होने पर बल दिया. साथ ही उन्होंने मृत्यूभोज पर रोक लगाने पर भी बल दिया.
वहीं अपने संबोधन में कुमार भानु प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान ने कहा है कि वर्ष 1989 के तत्कालीन प्रधानमंत्री आदरणीय राजीव गांधी के कार्यकाल में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम संसद में पारित कराया गया था और फिर यह अधिनियम 31 मार्च 1995 में नियम लागू किया गया. जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पीड़ित व शोषित व्यक्तियों को कल्याण विभाग के द्वारा अनुदान का प्रावधान है. जिसको लेकर समाज के लोगों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है. साथ ही कल्याण विभाग के द्वारा भी इसका प्रचार-प्रसार होना चाहिए .
इस अवसर पर संजय पासवान ने जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति से लेकर इसके उपर तक की समिति के अधिकारों के बारे में जानकारी दिया. वहीं कनीय वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार ने कहा कि समाज के दबे -कुचले व पिछड़े परिवार को मदद कर ही समाज सुधार हो सकता है. जबकि
जदयू नेत्री साधना देवी एवं आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने कहा कि अनु. जाति एवं अनु. जनजाति अत्याचार निवारण नियम में प्रदत्त अधिकार का लाभ पीड़ित व शोषित जानकारी के आभाव में नहीं ले पाते हैं. ऐसे में जागरूकता कार्यक्रम चलाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाने की जरूरत है. वहीं कृषि विश्वविद्यालय सबौर (भागलपुर) के कनीय वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार, पूर्व अंचलाधिकारी सत्यनारायण पासवान, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कर्मचारी संघ के सचिव चन्द्रशेखर मंडल, शिक्षक महावीर दास, कवि सूर्य कुमार पासवान, बामसेफ के प्रांतीय नेता मोनी पासवान, पुलिस सब इन्सपेक्टर जयजयराम पासवान, पुलिस सब इन्सपेक्टर राजकिशोर पासवान, बहुजन मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रवीण पासवान ने इस नियम के विभिन्न उप नियमों व प्रावधानों को लेकर मासिक कन्वेंशन आयोजन करने पर बल दिया.
मौके पर डॉ पुरातन गांधी, विन्देश्वरी पासवान, रामस्वरूप पासवान, अरूण पासवान, शिक्षक नरेन्द्र कुमार उर्फ सिकेन्द्र दास, आनन्दी पासवान, अवधेश पासवान, रामकली पासवान, अंकेश कुमार, सरोज पासवान, जयकांत पासवान, मिथलेश कुमार, अनिकेत कुमार, अभय कुमार, शिक्षक रमेश कुमार, हरिवंश कुमार, प्रेम लता देवी, रेखा देवी, आशा देवी, इन्द्रा देवी, जॉनसन, सूर्यवंश कुमार, नीतीश कुमार व श्रीराम आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान भीम संगीत के कलाकारों की प्रस्तुति में अंधविश्वास, छुआ-छूत, शोषण, हत्या, अत्याचार जैसे पूर्व घटित घटनाओं पर आधारित एकांकी नाटक का मंचन किया गया.