लाइव खगड़िया : एमएलसी चुनाव को लेकर क्षेत्र में जैसे-जैसे राजनीतिक तपिश बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे पुराना जख्म भी उभरता हुआ प्रतित होने लगा है. साथ ही शब्दों का वार व पलटवार का सिलसिला भी शुरू हो गया है. चुनावी मैदान से अबतक जो स्थिति उभर कर सामने आई है उसमें राजग समर्थित भाजपा उम्मीदवार रजनीश कुमार, कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी राजीव कुमार एवं महागठबंधन समर्थित राजद उम्मीदवार मनोहर यादव के बीच जोर आजमाइश जारी है. गठबंधन की राजनीतिक दौर में दो प्रमुख गठबंधन एनडीए व महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच कांग्रेस के राजीव कुमार अपनी जगह बनाने में सफल दिखाई दे रहे हैं. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस प्रत्याशी राजीव कुमार नीतीश सरकार के पूर्व मंत्री आर. एन. सिंह के पुत्र व परबत्ता के जदयू विधायक डा संजीव कुमार के भाई हैं. जो दोनों ही प्रमुख गठबंधन राजग व महागठबंधन के चुनावी समीकरण को बिगाड़ गये हैं.
चुनावी मैदान सजने के पूर्व ही जदयू विधायक डा संजीव कुमार अपनी पारिवारिक भूमिका को निभाकर पर्दे के पीछे चले गए हैं. गौरतलब है जदयू विधायक के भाई एमएलसी चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी हैं. ऐसे में उन्हें राजनीतिक तौर पर राजग गठबंधन धर्म का भी पालन करना था और पारिवारिक तौर पर रिश्तेदारी को भी नहीं भूलनी थी. हलांकि दोनों में सामंजस्य बैठाना आसान नहीं था. लेकिन जदयू विधायक ऐसा करने में सफल रहे हैं और वे चुनाव की घोषणा होने पूर्व ही अपने संदेश को पंचायत प्रतिनिधियों के बीच पहुंचा चुके थे. रही सही कसर विधायक ने पंचायत प्रतिनिधियों के मुद्दे को सदन में आवाज उठाकर पूरी कर दी. स्थिति यहां तक बन आई कि मामले पर सरकार द्वारा अहम फैसला लिये जाने के बाद राजनितिक विरोधियों को जदयू विधायक की भूमिका पर सवाल करने के लिए सामने आना पड़ा. लेकिन इसके पूर्व ही जदयू विधायक डा संजीव मामले में पहल को लेकर सुर्खियां बटोर चुके थे.
दरअसल विगत के कुछ चुनावों में राजनीतिक हालात कुछ ऐसे उपजते रहें हैं कि जदयू विधायक डा संजीव कुमार का भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं से अदावत बढ़ता ही चला गया. वर्ष 2015 में बेगूसराय-खगड़िया निकाय चुनाव के वक्त जदयू महागठबंधन का हिस्सा था और उस चुनाव में जदयू के डॉ संजीव कुमार महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार रहे थे. हलांकि उस चुनाव में वे एनडीए समर्थित भाजपा प्रत्याशी रजनीश कुमार को कड़ी टक्कर दी थी. लेकिन उन्हें महज 66 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. जबकि विगत विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के एक नेता लोजपा की टिकट पर परबत्ता सीट से जदयू प्रत्याशी डा संजीव कुमार के खिलाफ मैदान में कूद गए थे.