गेहूं खरीद के लिए टास्क फोर्स गठित करने की सरकार से मांग
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : बिहार किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह टुडू ने कहा है कि हरियाणा के तुलना में बिहार सरकार गेहूं खरीद में फिसिद्दी साबित हो रही है. उन्होंने कहा है कि बिहार गेहूं का उत्पादन करने वाले राज्यों में प्रमुख राज्य है, लेकिन नीतीश सरकार अभी तक 17 दिनों में मात्र 0.12 टन ही गेहूं खरीद पाई है. जबकि हरियाणा मे इतना ही गेहूं एक घंटे में खरीद होती है.
किसान नेता कहा है कि बिहार गेहूं उत्पादन के क्षेत्र में 6 मिलियन टन उत्पादन करता है. जबकि राज्य आपूर्ति विभाग को 25 लाख मेट्रिक टन गेहूं की आवश्यकता होने के वाबजूद सरकार 7 लाख मेट्रिक टन खरीद का लक्ष्य मई माह तक रखा है. जिसमें अब 15 दिन ही शेष बचा हुआ है और अभी तक 1 लाख मेट्रिक टन भी गेहूं की खरीद नहीं हो सकी है.
किसान नेता ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि ऐसी स्थिति में बिहार के किसानो का आर्थिक स्थिति कैसे सुधरेगी. एक तरफ जब निर्धारित समय 72 घंटे में भुगतान नही होने पर हरियाणा के किसानो को 9% ब्याज की दर से भुगतान किया जाता है तो दूसरी तरफ बिहार के किसानों को समय पर भुगतान नहीं होने पर ब्याज नहीं मिलता है. किसान नेता ने बताया है कि हरियाणा मे अभी तक 80.44 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीद में 12,977 करोड़ भुगतान हुआ है. जबकि बिहार में 0.12 लाख मेट्रिक टन मे मात्र 48.12 करोड़ का भुगतान हुआ है. वर्ष 2020-21 के लिए आवेदित 35 हजार बिहार के किसानो को फसल सहायता की राशि 427 करोड़ का सरकार अभी तक भुगतान नहीं कर पाई है.
किसान नेता ने बिहार सरकार से गेहू खरीद के लिए टास्क फोर्स का गठित करने के मांग करते हुए कहा है कि विलंब से भुगतान होने पर किसानो को 9% ब्याज दिया जाये. साथ ही 2020-21 के लिए खरीफ फसल सहायता की राशि किसानों को निर्गत करने की मांग करते हुए किसान नेता ने कबा है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो 15 मई को बिहार के किसान धरना पर बैठेंगे.