चुनावी हलचल : बहुत कुछ कह गई हैं राजद नेत्री कृष्णा कुमारी यादव
खगड़िया : विगत लोक सभा चुनाव में राजद की प्रत्याशी रही कृष्णा कुमारी यादव पिछले दिनों ‘दस्तक’ एवं लालू संदेश यात्रा के तीसरे चरण के कार्यक्रम के तहत खगड़िया संसदीय क्षेत्र के हसनपुर विधान-सभा क्षेत्र के बिथान प्रखंड पहुंची.जिसे राजनीतिक विश्लेषक अागामी लोक सभा चुनाव की तैयारियां के तौर पर देख रहे हैं.साथ ही राजद नेत्री के हाल के दिनों की हलचल को देखकर यह भी कयास लगाया जा रहा है कि अगले वर्ष के चुनाव में वो पूरी दमखम के साथ चुनावी मैदान में नजर आयेंगी.हलांकि चुनाव में अभी वक्त है.लेकिन एक तरफ जहां बिहार के प्रमुख राजनीतिक दलों के संभावी उम्मीदवार अपनी-अपनी टिकट की जुगाड़ में व्यस्त है.वहीं कृष्णा कुमारी यादव टिकट की चिंता के बगैर ही चुनाव का जैसे शंखनाद कर दिया है.जिससे जिले की राजनीति चुनाव के पूर्व ही गर्म हो चली है.साथ ही साथ राजद नेत्री विपक्ष के संभावी उम्मीदवारों की हर गतिविधियों पर भी नजर बनाये हुए प्रतित हो रही हैं.
जिसका संकेत उन्होंने एक खास बातचीत में दे भी दिया है.उन्होंने भाजपा के एक संभावित प्रत्याशी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनाव नजदीक आते ही एक बार फिर बाहरी नेताओं का जिले में दौरा शुरू हो चुका है और वो एनडीए घटक दल का प्रत्याशी बनने की जुगत लगा रहे हैं.लेकिन खगड़िया संसदीय क्षेत्र की जनता इसबार किसी भी बाहरी प्रत्याशी को पनाह नहीं देगी.साथ ही उन्होंने कांग्रेस,समता पार्टी,राजद,जदयू,हम आदि दलों की चर्चा करते हुए कहा कि जो नेता किसी खास पार्टी का नहीं हो सका वो ना तो कभी भाजपा का और ना ही कभी खगड़िया का ही हो सकता है.वहीं राजद नेत्री ने उनके द्वारा टिकट के लिए नागपुर के आरएसएस दरबार में हाजिरी लगाये जाने तक की बात तक कह डाली.दूसरी तरफ उन्होंने वर्तमान सांसद पर भी तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि टिकट की चाहत में वो भी हर दल का दरवाजा खटखटा रहे हैं.लेकिन जब कभी यहां की जनता आपदा व विपत्ति में होती है तो ऐसे तथाकथित नेता कहीं दिखाई नहीं देते हैं.
मौके पर राजद नेत्री ने विगत चुनाव में अपनी हार पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके कई कारण रहे थे.जिसके कारण उन्हें दूसरे स्थान पर रहना पड़ा.जिसमें यादव जाति का कई प्रत्याशी का मैदान में होना,मुस्लिम मतदाताओं का विखराव के साथ ही दल के कुछ नेताओं द्वारा भीतरघात कर दुष्प्रचार करना आदि शामिल था.वहीं उन्होंने कहा कि विगत चुनाव में माकपा व आप के प्रत्याशी का यादव जाति का होना मुस्लिम समुदाय में यह भ्रम पैदा कर गया कि यादवों के वोट में विखराव होगा.ऐसे में संसय की स्थिति में मुस्लिम समुदाय का मत स्वजातीय एनडीए समर्थित लोजपा प्रत्याशी के बीच बंट गया जो कि निर्णायक साबित हुआ.लेकिन चुनाव परिणाम के बाद प्राप्त मतों ने यह साबित कर दिया कि यादवों सहित दलित,वंचित व शोषितों का एकमुश्त मत हमारे साथ था और आज भी वो बरकरार है.लेकिन इस बार स्थितियां और भी बदली हुई है.एक तरफ वर्तमान सांसद सहित पूर्व के बाहरी सांसदों की कार्यशैली से जनता खफा है.ऐसे में अगामी चुनाव में स्थानीय प्रत्याशी एक अहम मुद्दा होगा.वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय की गोलबंदी फिरकापरस्त ताकतों के हर मंसूबों को कुचलने के लिए बेताब नजर आ रहा है.ऐसे में एनडीए के प्रत्याशी चाहें जो भी हो उनकी राहें आसान नहीं रहने वाली है.
दूसरी तरफ उन्होंने पूर्व विधायक रणवीर यादव का जिक्र करते हुए कहा कि यह परिवार सदैव ही दलित-पिछड़ों व गरीबों के मान-सम्मान ओर अधिकार के लिए आवाज बनकर खड़ा रहा है और रहेगा.ऐसे में अब खगड़िया संसदीय क्षेत्र की जनता को तय करना है कि उनका प्रतिनिधि एक स्थानीय सेवक होगा या फिर चुनाव दर चुनाव दल बदलने वाले तथाकथित बाहरी नेता.