खगड़िया संसदीय क्षेत्र के जदयू विधायकों के साख का भी होगा इम्तिहान
लाइव खगड़िया : लोकसभा चुनाव में खगड़िया संसदीय सीट से एनडीए समर्थित लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर मैदान में हैं और यहां 23 अप्रैल को मतदान होना है.इस चुनाव में यह सीट लोजपा,भाजपा सहित जदयू के लिए एक प्रतिष्ठा वाली सीट बन गई है.बीते चुनाव में जदयू ने एनडीए से अलग चुनाव लड़ा था और एनडीए के चौधरी महबूब अली कैसर ने राजद व जदयू के प्रत्याशी को मात देते हुए फतह हासिल की थी.लेकिन इसके बाद बदले राजनीतिक हालत के बीच जदयू भी एनडीए में शामिल हो गया.6 विधान सभा क्षेत्रों वाली खगड़िया संसदीय सीट में जिले के खगड़िया, बेलदौर व परबत्ता सहित सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर व समस्तीपुर जिले के हसनपुर विधानसभा सीट पर जदयू का कब्जा है.ऐसे में माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं इस चुनाव में संसदीय क्षेत्र के जदयू के 5 विधायकों के साख का भी इम्तिहान होना है.राजनीतिक समीक्षकों की यदि मानें तो आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट की चाहत रखने वाले सीटिंग विधायकों को क्षेत्र में इस चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर भी आंका जा सकता है.इस बात को इसलिए भी बल मिलता हुआ प्रतित हो रहा है क्योंकि इस बार के चुनाव में भी स्थानीय मुद्दे गौण हो गए हैं और भाजपा के नरेन्द्र मोदी व जदयू के नीतीश कुमार का चेहरा सामने हो गया है.
बात यदि विगत लोकसभा चुनाव की करें तो उस वक्त एनडीए के चौधरी महबूब अली कैसर परबत्ता, बेलदौर, खगड़िया व सिमरी बख्तियारपुर में अन्य दलों के प्रत्याशियों को पीछे छोड़ गये थे और यह बढत ही एनडीए उम्मीदवार के जीत में निर्णायक साबित हुआ था.जबकि अलौली विधानसभा क्षेत्र में जदयू के तत्कालीन प्रत्याशी दिनेशचन्द्र यादव और हसनपुर में राजद उम्मीदवार कृष्णा कुमारी यादव आगे रही थीं.बहरहाल सिमरी बख्तियार सहित अन्य क्षेत्रों में अपना एक अलग प्रभाव रखने वाले खगड़िया के पूर्व सांसद सह वहां के वर्तमान विधायक दिनेशचन्द्र यादव का इस बार के चुनाव में एनडीए प्रत्याशी को समर्थन प्राप्त है.जो महबूब अली कैसर के लिए एक मजबूत कड़ी साबित हो सकता है.
बात यदि खगड़िया विधानसभा क्षेत्र की करें तो विगत लोकसभा चुनाव में परिवारिक वजह से असमंजसता की स्थिति झेल रही जदयू विधायक पूनम देवी यादव व उनके पुत्र साम्ब वीर इस बार खुलकर एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में क्षेत्र में दिन-रात एक कर दिया है.जो एक प्रत्याशी के तौर पर महबूब अली कैसर के लिए राहत की बात हो सकती है.जबकि हसनपुर के जदयू विधायक राजकुमार राय भी एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में मतदाताओं की गोलबंदी करने में जुटे हुए नजर आ रहे हैं.बेलदौर के जदयू विधायक पन्नालाल सिंह पटेल के तिलिस्म पर भी एनडीए नेताओं की नजर होगी.उधर परबत्ता के जदयू विधायक आर.एन.सिंह के पुत्र सह जदयू चिकित्सक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.संजीव कुमार के समर्थकों के बीच एनडीए प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर से थोड़ी नाराजगी देखने को मिल रही है.जिसकी वजह टिकट की रेस में शामिल डॉ.संजीव कुमार को टिकट नहीं मिलना बताया जा रहा है.वैसे परबत्ता विधायक आर.एन.सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं और विधानसभा का चुनाव भी नजदीक ही है.राजनीतिक जानकारों की मानें तो पार्टी के प्रति अपना समर्पण व्यक्त करते हुए चुनाव के अंतिम वक्त में डॉ.संजीव कुमार अपने समर्थकों को मना ले जायें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.बहरहाल इस बार के चुनावी खेल में किसकी क्या भूमिका रहती है यह तो वक्त ही बतायेगा.लेकिन इतना तो माना ही जा सकता है कि ना सिर्फ एनडीए के प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर का बल्कि क्षेत्र के 5 जदयू विधायकों के साख व समर्पण का इम्तिहान भी इस चुनाव में होना है.