इस महावीर मंदिर की महिमा अगम अपार,सैकड़ों की संख्या में होता ध्वाजारोहण
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत लगार पंचायत के चकप्रयाग गांव स्थित महावीर मंदिर की महिमा की अपनी एक अलग चर्चाएं रही है.अतिप्राचीन यह मंदिर कई मायनो में अपनी एक अलग पहचान भी रखती है.कहा जाता है कि भगवान महावीर के दरबार में जो भी सच्चे मन से माथा टेकता है उनकी मुरादें पूर्ण होती है.तीन बार गंगा कटाव के बाद भी स्थानीय लोग अपनी पुरानी परंपरा व विश्वास को आज भी बरकरार रखे हुए हैं. रामनवमी के दिन मंदिर के प्रागंण में सैकड़ो की संख्या में वैदिक मंत्रोउच्चारण के साथ ध्वजारोहण का कार्य किया जाता है.
चकप्रयाग निवासी समाजिक कार्यकर्ता श्री निवास चौधरी उर्फ कारे बताते हैं कि स्व. पोलो दास के परिजन से ही आज भी ध्वजारोहण का कार्य प्रारंभ होता है.कहा जाता है कि स्व. पोलो दास भगवान महावीर के सच्चे उपासक थे. एक बार इलाके में महामारी तेजी से फैल रहा था.लोग आक्रांत हो गये थे तो स्व० पोलो दास को अंजनी पुत्र भगवान महावीर ने स्वप्न दिया कि तुमलोगो की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार हूं और यहां कोई महामारी नही फैल सकती है.अगली सुबह इसकी चर्चा गांव में आग की तरह फैल गई.
जिसके उपरांत ग्रामीण जब मंदिर में एकत्रित हुए तो मंदिर प्रागंण में एक गदा का अवशेष देखा गया. जिसके बाद इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष रामनवमी के दिन ध्वजारोहण की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई. बताया जाता है कि विगत वर्ष रामनवमी में यहां आठ सौ से अधिक संख्या में ध्वजारोहण किया गया था.जिसमें चकप्रयाग गांव सहित मंदिर की महिमा पर विश्वास करने वाले जिले भर के श्रद्धालु शामिल थे. रामनवमी के दिन चकप्रयाग गांव में ध्वजारोहण दिनभर चलता है और शाम को भजन-कीर्तण के साथ लोगो के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है.उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 13 अप्रैल को रामनवमी है.जिसको लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. रामनवमी के मौके पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है.