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होगा नया अनुभव,लोकसभा चुनाव में ये चीजें होंगी पहली बार…




लाइव खगड़िया : लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बज चुका है.सात चरणों में होने वाले इस बार के चुनाव में खगड़िया संसदीय क्षेत्र में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को चुनाव होना है.जबकि 23 मई वोटों की गिनती के साथ नतीजे का दिन होगा.खगड़िया संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में इस बार 16 लाख 53 हजार 9 सौ 28 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. साथ ही इस बार चुनाव आयोग ने कुछ नए नियमों का ऐलान किया है.जो प्रत्याशियों सहित मतदाताओं के लिए एक नया अनुभव होगा.

*ईवीएम में चुनाव चिन्ह के साथ ही उम्मीदवार की तस्वीर भी लगी होगी.

*वोटर एक एंड्रॉयड एप सी-विजल के जरिए चुनाव आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दे सकते हैं.सरकारी अधिकारियों के द्वारा इस शिकायत का निष्पादन 100 मिनट के भीतर किया जायेगा. साथ ही शिकायतकर्ता की पहचान उजागर नहीं की जायेगी. खगड़िया जिला के अंतर्गत प्रत्येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रवार सी-विजल एप के तहत 3-3 फ्लाइंग स्वायर टीम का गठन किया गया है.साथ ही VM व Critical मतदान केन्द्र से संबंधित कार्य करने हेतु विधान सभावार सेक्टर का गठन किया गया है.जिसमें अलौली विधान सभा के 252 मतदान केन्द्रों को 4 सेक्टर,खगड़िया विधान सभा के 251 मतदान केन्द्रों को 21,बेलदौर के 299 मतदान केन्द्रों को 25 एवं परबत्ता के 300 मतदान केन्द्रों को 25 सेक्टरों में बांटा गया है.साथ ही लोकसभा निर्वाचन के सफल संचालन के मद्देनजर विभिन्न कोषांगों का भी गठन किया गया है.जो निर्वाचन की समाप्ति तक कार्यरत रहेगा.




*District Voter Helpline (DCC) के अंतर्गत मतदाताओं व आम नागरिकों से प्राप्त कॉल/सूचना/सुझाव/शिकायत प्राप्त करने के लिए जिला में DCC का गठन किया गया है.जिसके तहत आम नागरिक या मतदाता निर्वाचन से जुड़ी जानकारी टॉल फ्री नंबर 1950 पर डायल कर प्राप्त कर सकते हैं.

*इस चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी उम्मीदवारों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी आयोग को देनी होगी.

*चुनाव आयोग के नियमों के तहत उम्मीदवारों को उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी प्रचार अभियान के दौरान कम से कम तीन बार ऑडियो-वीडियो के माध्यम से सार्वजनिक करनी होगी.

*सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर व गूगल से फर्जी सूचनाओं और डीजिटल विज्ञापनों को वैरिफाई किया जायेगा. साथ ही मीडिया में पेड न्यूज एवं फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए राज्य व जिला स्तर पर मीडिया निगरानी समितियों की मदद ली जायेगी. इसके मद्देनजर जिला स्तर पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी की अध्यक्षता में MCMC का गठन किया जा चुका है.



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