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एसपी मीनू कुमारी (फाइल फोटो)

एसपी के ईमानदारी को तौलना शराब माफियाओं को पड़ा महंगा,गिरफ्तार




लाइव खगड़िया : बात बीते वर्ष के अप्रैल की है जब मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसपी पर शराब माफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगा था और विभाग की काफी किरकिरी हुई थी.बिहार पुलिस महकमे पर लगे भ्रष्टाचार के ऐसे दाग को अपनी ईमानदारी से जिले के एक महिला आईपीएस अधिकारी मीनू कुमारी ने बहुत हद तक धो डाला है.साथ ही वे ईमानदारी का मिसाल भी पेश कर गईं हैं.

दरअसल शनिवार की शाम शराब माफियाओं का एक गिरोह अपनी दुस्साहस का परिचय देते हुए सीधा पुलिस अधीक्षक मीनू कुमारी के गोपनीय कार्यालय तक पहुंच गया और शराब की बड़ी खेप को जिले में प्रवेश के लिए डील करना चाहा.इसके पूर्व तथाकथित शराब माफिया अमरनाथ मिश्रा खुद को सुप्रीम कोर्ट का वकील बताते हुए संतरी को विभिन्न पदाधिकारियों का हवाला देते हुए पुलिस अधीक्षक से मिलने की आवश्यकता जताकर एसपी के गोपनीय शाखा तक पहुंच गया.जहां पूछताछ के दौरान उनके द्वारा कई विरोधाभासी बातें सामने आई.साथ ही उनकी गतिविधियां भी संदिग्ध प्रतीत हुआ.जिसके बाद एसपी ने इस संबंध में जांचकर आवश्यक कार्रवाई को निर्देशित किया.




एसपी के निर्देश के आलोक में पुलिस अवर निरीक्षक संतोष कुमार,जियाउद्दीन खां पुलिस बल के साथ एसपी के गोपनीय कार्यालय पहुंचे.पुलिस टीम को तथाकथित अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि बाहर गाड़ी में बैठा संतोष मंडल शराब का व्यवसाय करना चाहता है और इस संबंध में उन्हें डील करने को कहा गया है.पुलिस टीम ने मामले की सूचना फोन से एसपी को दिया.एसपी के निर्देश पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष एवं सदर एसडीपीओ फौरन हड़कत में आये.बाद में पुलिस के द्वारा पूछताछ के क्रम में गिरोह के उस सदस्य ने खुद को मुजफ्फरपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र का अमरनाथ गुप्ता बताया.जबकि तथाकथित माफिया के स्कार्पियो गाड़ी पर बैठा व्यक्ति खुद को झारखंड के रांची जिले का बरियातू थाना क्षेत्र का संतोष कुमार मंडल बताया.संदिग्ध गतिविधियों के बाद दोनों के साथ ही वाहन के चालक अभिषेक कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

साथ ही अमरनाथ गुप्ता द्वारा अमरनाथ मिश्रा बतलाना,अमरनाथ गुप्ता के नाम से बने आधार कार्ड एवं ड्राइविंग लाइसेंस में अलग-अलग जन्मतिथि का अंकित होना,सांसद अजय निषाद द्वारा हस्तांतरित रेल राज्यमंत्री को संबोधित खाली लेटर पैड की बरामदगी सहित संतोष कुमार मंडल के पास से बरामद कागजातों में उनके पता में अंतर होना,स्कार्पियों के बीच वाले सीट के नीचे तहखाने का होना एवं सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने जैसे मामले में प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया है.बहरहाल एसपी की ईमानदारी एवं तथाकथित शराब माफियाओं के दुस्साहस की चर्चाएं जिले में चरम पर है.


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