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पांच जिलों में दलितों का यह समुदाय लोकतंत्र के महापर्व में नहीं लेगा हिस्सा




लाइव खगड़िया : बहिष्कृत हितकारी संगठन के द्वारा सोमवार को छठा एक दिवसीय अधिवेशन जिले के अलौली प्रखंड के दोबिहाई  (मैघोना) पंचायत में आयोजित किया गया.जिसमें जिला सहित समस्तीपुर, बेगूसराय, दरभंगा एंव सहरसा जिला के मुसहर समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

मौके पर संगठन ने राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव डोम ने अपने संबोधन में कहा कि अब हुंकार भरने और क्रांतिकारी विचार व्यक्त करने का समय आ गया है और इसे अमल में लाना हमसबों का दायित्व बनता है.यह सम्पूर्ण समानता के लिए एक क्रांति है.हमारा आंदोलन महज विधानसभा के विघटन का ही नही बल्कि वह एक पड़ाव है और हमें दूर तक जाना है.वहीं उन्होंने कहा कि अभी मंजिल दूर है और रास्ता लंबा है.जिस स्वराज को प्राप्त करने के लिए देश के हजारों -लाखो जवानों ने कुर्बानियां दी थी वो आजादी के 72 वर्ष बाद भी दलित समाज खासकर  डोम ओर मुसहर समाज को नहीं मिल पाई है.यह समाज आज भी भूख,अशिक्षा, मंहगाई व भ्रष्टाचार से त्रस्त है.इस समाज के बच्चे गांवो में स्कूल होने के बावजूद शिक्षा से कोसों दूर है.भ्रष्ट शिक्षा व्यवस्था और गुलामी की शिक्षा ने इस समुदाय के नौजवानों का भविष्य अंधेरे में रख छोड़ा है और इनका जीवन नष्ट हो रहा है.




साथ ही उन्होंने कहा कि एक तरफ गरीबी हटाओ का नारा दिया जा रहा है और दूसरी तरफ गरीबी बढती जा रही है.साथ ही भूमिहीनता को मिटाने के लिए भी कोई पहल नही किया जा रहा है.वहीं उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि गलत नीतियों से है.ऐसे में जिस सरकार की योजनाओं से यह समाज भूखा है,वो सरकार निकम्मी है और उसे हटानी है.

मौके पर पांच जिलों के डोम व मुसहर समुदाय के लोगों के द्वारा हाथ उठाकर लोकतंत्र के महापर्व में भाग नहीं लेने पर सहमति प्रदान की गई. अधिवेशन को अर्जुन सदा,रामविलास सदा, जगदंबी, रामबाबू, बशेसर आदि ने भी संबोधित किया.



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