विकट परिस्थितियां भी राह रोक न सकी प्रणय के,बने वायु सेना के अफसर
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : इरादे यदि बुलंद हो तो तमाम बाधाएं भी असाधारण प्रतिभाओं की राह रोक नहीं सकती.यदि खुद का खुद पर विश्वास हो तो विपरीत सामाजिक व परिवारिक परिस्थितियों के बीच भी लोगों को अपनी सोच बदलने पर मजबूर किया जा सकता है.ऐसे ही कुछ विकट परिस्थितियों को पीछे छोड़ते हुए जिले के परबत्ता प्रखंड के श्रीरामपुर ठुठ्ठी निवासी समाजसेवी व सुविख्यात चिकित्सक स्वर्गीय डॉ. सच्चिदानंद सिहं के पौत्र व प्रमोद कुमार के पुत्र डॉ.प्रणय कुमार ने एक अलग मुकाम को हासिल किया है.निश्चय ही उनकी यह उपलब्धि उनके परिवार के हर सदस्य को एक ही चश्मे से देखने की समाज की सोच को बदलने पर मजबूर कर देगी.
डॉक्टर प्रणय कुमार का चयन वायु सेना के Flight Lieutenant (Commissioned Officer) के पद पर हुआ है.उन्होंने यह उपलब्धि Short service commission के मुंबई बोर्ड द्वारा मार्च 2018 के परीक्षा में सफलता पर मिली है.डॉ.प्रणय कुमार 28 जनवरी को दिल्ली में योगदान देना है और वो इसकी तैयारियों में जुट चुके है.
उल्लेखनीय है डॉ.प्रणय कुमार दरभंगा मेडिकल कॉलेज से बीते वर्ष ही MBBS की पढाई पूरी कर एक चिकित्सक के रूप में रांची व जमुई में सेवा प्रदान करने लगे थे.फिलहाल वे भागलपुर जिले के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंन्द्र पीरपेंती में चिकित्सा पदाधिकारी पद पर कार्यरत हैं.लेकिन उनकी मंजिले कुछ और थी.उनके मन में देशभक्ति का जुनून था.बचपन से ही सेना के अधिकारी के रूप में कार्य करने की तमन्ना सिविल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना जैसे उनकी एक बाध्यता थी.ऐसे में उन्होंने सेना में जाने का प्रयास जारी रखा और महज साल भर के अंदर उन्होंने अपनी लगन व मेहनत के बल पर उस मुकाम को हासिल कर लिया.
गौरतलब है कि इसके पूर्व भी जिले के परबत्ता प्रखंड के नयागांव पंचखुट्टी निवासी डॉ.ब्रजेन्द्र कुमार वात्स्यायन के पुत्र प्रतिक वात्स्यायन एवं सिराजपुर गांव निवासी सेना से सेवानिवृत्त बालबोध चौधरी के पुत्र अंकुश कुमार भी थल सेना में लेप्टिनेंट के पद पर योगदान देकर जिले को गौरवान्वित कर चुके हैं.लेकिन डॉ.प्रणय कुमार ने जिस पारिवारिक हालत से जूझते हुए अपनी मंजिल को चुमा है,वैसा विरले ही दिखाई देता है.