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इस युगल जोड़ी की फेसबुक पर जब सजती है महफिल तो खो जाते हैं संगीतप्रेमी




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले से नाता रखने वाले धीरज कांत एवं उनकी पत्नी नीलू ने संगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली है.देश की राजधानी दिल्ली में युगल जोड़ी नित्य नये मुकाम को छूते हुए काफी लोकप्रिय हो गए हैं.हर दिन नौ बजे रात्रि मे फेसबुक लाइव के माध्यम से हजारो की संख्या में संगीत प्रेमी उनसे जुड़ते हैं.

इस दौरान उनके गीतों पर तबला पर रजनीकांत व रविश संगत देते हैं.धीरज कांत गजल व भजन के क्षेत्र में एवं उनकी पत्नी नीलू अंगिका व मैथिली भाषा के पारंपरिक गीतों को अपनी आवाज में जब पिरोते है तो गीत व संगीत की महफिल गुलजार हो जाती है.बीते  रविवार को चंडीगढ में आयोजित विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में इस युगल जोड़ी ने मैथिली गीत प्रस्तुत कर लोगो का दिल जीत लिया.

वैसे तो धीरज कांत का जन्म भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत  नारायणपुर प्रखंड के गनोल गांव में हुआ था.लेकिन 16 वर्ष की उम्र में जब मां व पिता ने दुनिया छोड़ दी तो वे जिले के परबत्ता प्रखंड के अगुवानी डुमरिया बुजुर्ग में अपने रिश्तेदार अमर नाथ चौधरी के यहां रहकर संगीत के धनी पंडित रामावतार सिंह से छह साल तक शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त किया.साथ ही उन्होंने बिहार के मशहूर व चर्चित संगीत कलाकार फणीभूषण चौधरी से सुगम संगीत की शिक्षा प्राप्त कर उनकी गजल व भजन गाकर संगीत के क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो गए.इस दौरान उन्हें क्षेत्र के मशहूर संगीत कलाकार राजीव सिंह प्ररेणा मिलती रही.उन्होंने धीरज कांत के सपने को नई उड़ान दिया.



धीरज कांत प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद की शाखा सुशीला संगीत महाविद्यालय नारायणपुर ( चकरामी ) से पढाई कर संगीत से स्नातक किया.उनकी पत्नी नीलू जिले के गोगरी अनुमंडल के शेर चकला पंचायत की पूर्व मुखिया अनिता देवी की पुत्री है.यह संगीत का ही करिश्मा था कि दोनों दाम्पत्य जीवन से जुड़ गये.बाद में युगल जोड़ी ने प्रयाग संगीत महाविद्यालय इलाहाबाद से संगीत एवं तबला वादन से स्नातक भी किया.भजन,सुगम संगीत ,अंगिका व मैथिली भाषा के पारंपरिक गीत के गायन में इनकी एक अलग पहचान बन चुकी है.दोनों आकाशवाणी भागलपुर से जुड़े भी जुड़े हुए हैं तथा समय-समय पर वहां अपनी सेवा प्रदान करते रहते हैं.

महज 29 वर्ष की आयु में धीरज कांत देश के कई प्रान्तों में अपने गजल एवं भजन गायन की छाप छोड़ चुके हैं.इस क्रम में दोनों संगीतकार रवीन्द्र जैन से भी सम्मानित हो चुके है.साथ ही देश के प्रथम महिला आइपीएस किरन वेदी के हाथों भी वे संगीत पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं.

2007 मे आयोजित बिहार-झारखंड लोक संगीत एवं सुगम संगीत प्रतियोगिता में धीरज कांत प्रथम एवं नीलू को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था.इसके अतिरिक्त भी उन्हें दर्जनों पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.बहरहाल जिले से बेइंतहा मुहब्बत करने वाले की जब फेसबुक पर सजती है गीत-संगीत की महफिल तो सोशल साइट पर संगीत प्रेमियों की भीड़ जुट जाती है.



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