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विभाग प्राक्कलन करता तैयार,जनप्रतिनिधि सिर्फ करते योजना का चयन : नगर सभापति




लाइव खगड़िया : शहर के बायपास सड़क निर्माण के शिलान्यास मामले में जुबानी जंग थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.इसी क्रम में शुक्रवार को नगर सभापति सीता कुमारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि सड़क के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति सशक्त स्थायी समिति के द्वारा दी गयी थी.किसी भी योजना का टेन्डर होने से पहले इसे कई प्रक्रियाओं से गुजरना होता है.योजना चयन के बाद इंजीनियर के द्वारा प्राक्कलन तैयार किया जाता है और उसके बाद सीनियर इंजीनियरों की टीम के द्वारा जांच के उपरांत इसे तकनीकी स्वीकृति मिलती है.जिसके पश्चात नगर परिषद् की बैठक में प्राक्क्लन राशि की स्वीकृति दी जाती है.फिर टेंडर कि प्रक्रिया के पश्चात् शिलान्यास किया जाता है.

वहीं उन्होंने शिलान्यास किये गये बायपास सड़क के प्राक्कलन राशि पर उठाये जा रहे सवालों पर कहा है कि इंजीनियर सरकार के नियम व संबंधित सड़क पर चलने वाले वाहनों के अनुसार प्राक्कलन तैयार करते हैं.ताकि सड़क मजबूत एवं टिकाऊ बन सके.इंजीनियरिंग विभाग ही प्राक्कलन तैयार करता है और जनप्रतिनिधि सिर्फ योजना का चयन जनहित के अनुसार करते हैं.



साथ ही उन्होंने 2008-09 में बायपास सड़क निर्माण की अनुशंसा किसी अन्य द्वारा किये जाने जैसी बातों को भी झूठ बताते हुए कहा है कि इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना की बैठक में तत्कालीन नगर सभापति मनोहर कुमार यादव के द्वारा रखा गया.जिसकी स्वीकृति मिलने के उपरांत ही इस सड़क का निर्माण संभव हो पाया था.वहीं उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना में नगर सभापति पदेन सदस्य होता है.

साथ ही नगर सभापति के द्वारा बताया गया है कि बापू पार्क से सूर्य मंदिर तक बाईपास सड़क निर्माण का प्रस्ताव भी 05 मार्च 2016 की बैठक में तत्कालीन नगर सभापति मनोहर कुमार यादव के द्वारा देने के बाद ही योजना का चयन हुआ था.लेकिन डूडा को बिहार सरकार के द्वारा बन्द कर दिये जाने के कारण सड़क निर्माण कार्य नहीं हो पाया था.ऐसे में उनके द्वारा नगर विकास विभाग से अनुरोध किये जाने के उपरांत विभाग के आदेश से बाईपास सड़क का निर्माण कराया जा रहा है.



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