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लोकसभा चुनाव : टिकट की कवायद तेज,शह व मात का दिलचस्प खेल शुरू

 


लाइव खगड़िया : देश में फल-फूल रहे गठबंधन की राजनीति के बीच आगामी लोक सभा चुनाव में एक प्रमुख गठबंधन एनडीए में खगड़िया संसदीय सीट भाजपा के कोटे में जाने और भाजपा के संभावित उम्मीदवार की सूची में सम्राट चौधरी के नाम की चर्चाओं के बीच इस संसदीय सीट पर अन्य घटक दलों के संभावित उम्मीदवारों के बीच टिकट का खेल दिलचस्प हो गया है.

सम्राट चौधरी (भाजपा)

गौरतलब है कि विगत लोक सभा चुनाव में यह सीट एनडीए के घटक दल लोजपा कोटे में रही थी और चौधरी महबूब अली कैशर एनडीए समर्थित लोजपा प्रत्याशी के तौर पर यहां से निर्वाचित हुए थे.हलांकि 2014 के चुनाव में जदयू एनडीए में शामिल नहीं था.लेकिन अब की स्थितियां अलग है और जदयू भी एनडीए का एक अहम हिस्सा बन चुका है.ऐसी स्थिति में यदि एनडीए के घटक दलों में खगड़िया संसदीय सीट भाजपा कोटे में जाती है तो लोजपा के वर्तमान सांसद चौधरी महबूब अली कैशर सहित जदयू से उम्मीदवारी के रेस में शामिल नेताओं को मायूसी हाथ लग सकती है.

महबूब अली कैशर (लोजपा सांसद)

पिछले दिनों लोजपा सांसद चौधरी महबूब अली कैशर के कांग्रेस के संपर्क में होने की मीडिया की चर्चाओं के बीच भले ही सांसद ने खुद को लोजपा के प्रति समर्पित बताया हो.लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि 2014 के चुनाव के ऐन वक्त पर महबूब अली कैशर टिकट के साथ ही लोजपा में आये थे.ऐसे में यदि खगड़िया की सीट लोजपा कोटे से छिटकर एनडीए के किसी अन्य घटक दल के कोटे में जाती है तो वर्तमान सांसद चौधरी महबूब अली कैशर का भी लोजपा से खिसक जाने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है.इस बात को बल सांसद प्रतिनिधि द्वारा सोशल साइट की लिखी गई “पार्टी नहीं सांसद के राजनीति के तरीके का प्रशंसक हूं” जैसे पोस्ट से भी मिल रहा है.



वैसे राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं पर यदि विश्वास करें तो लोजपा सांसद राजद व कांग्रेस दोनों के ही संपर्क में हैं.बताया जाता है कि किसी भी परिस्थिति में यदि एनडीए में उनके उम्मदवारी पर ग्रहण लगता है तो वे महागठबंधन के किसी घटक दल से उम्मीदवारी की कवायद कर सकते हैं.यदि ऐसी स्थिति उभड़ कर सामने आई तो 2014 के चुनावी मैदान में टक्कराने वाले एनडीए समर्थित लोजपा प्रत्याशी महबूब अली कैशर और महागठबंधन से टिकट की रेस में शामिल राजद प्रत्याशी कृष्णा कुमारी यादव को वर्ष 2019 के चुनाव के पूर्व ही टिकट की जंग में आमने-सामने आना पड़ सकता है.

कृष्णा कुमारी यादव (राजद)

क्योंकि विगत लोकसभा चुनाव में राजद से प्रत्याशी रही पूर्व विधायक रणवीर यादव की पत्नी कृष्णा कुमारी यादव 2019 के चुनाव की तैयारियों को लेकर इतनी आगे बढ चुकी हैं कि उन्हें उस मोड़ से वापस लौटना भी इतना आसान भी नहीं होगा.यदि ऐसी किसी भी परिस्थिति में यूपीए के किसी घटक दल में चौधरी महबूब अली कैशर शामिल होकर अपनी उम्मीदवारी पेश करते हैं तो 2019 के चुनाव में राजद की पूर्व प्रत्याशी रही कृष्णा कुमारी यादव का स्टैंड देखना दिलचस्प होगा.हलांकि पूर्व विधायक रणवीर यादव ऐसी तमाम विषम राजनीतिक परिस्थितियों से अतीत में बखूबी निपटते रहे हैं और उनके फैसले विरोधियों को भी अचंभित करता रहा है.भलें ही यह एक सच्चाई हो कि फिलवक्त वो जेल में हैं.लेकिन यहां यह भी नहीं भूला जा सकता है कि उन्होंने अपनी राजनीति पारी की शुरुआत जेल से ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में धमाकेदार जीत दर्ज कर की थी.यहां यह भी देखना दीगर होगा कि यदि ऐसी परिस्थिति वास्तविक तौर पर उभड़ कर सामने आती है तो रणवीर यादव का राजनीतिक अनुभव व उनकी राजनीतिक पहुंच आगामी चुनाव में कृष्णा कुमारी यादव कौन सी संभावनाएं तलाश करता है.बहरहाल सब चर्चाएं हैं और बदलते वक्त व राजनीतिक हालत के साथ बहुत कुछ बदल जाती है.लेकिन इतना तो तय है कि चुनाव के पूर्व टिकट का खेल भी खासा दिलचस्प होने वाला है और इसके लिए शह व मात का खेल शुरू हो चुका है.



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