Breaking News

छोटी दिवाली आज,दीपदान का शुभ मुहूर्त 6 से 7 बजे

लाइव खगड़िया : धनतेरस के बाद व दीपावली के 1 दिन पहले नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाये जाने की परंपरा है.हिंदू कैलेंडर के अनुसार नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है.इस वर्ष नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली आज मंगलवार को है.


नरक चतुर्दशी/छोटी दिवाली के संदर्भ में मान्यताएं

छोटी दिवाली के संदर्भ में मान्यता है कि इस दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी असुर नरकासुर का वध किया था और  16 हजार 1 सौ कन्याओं को नरकासुर बंदी गृह से मुक्त कराया था.इस खुशी में इस दिन दीये जलाये गये.जिसके बाद से छोटी दिवाली प्रचलित हो गई.

जबकि नरक चतुर्दशी के संदर्भ में कहा जाता है कि रंतिदेव नामक एक पुण्यात्मा और धर्मात्मा राजा थे.जिन्होंने कभी पाप नहीं किया था.लेकिन उनके अंतिम वक्त में जब यमदूत के द्वारा उन्हें नरक में जाने की जानकारी दी तो राजा को काफी आश्चर्य हुआ.ऐसे में राजा ने यमदूत से वजह पूछी तो यमदूत बोले कि राजन ! एक बार आपके द्वार से एक ब्राह्मण भूखा लौटा था और यह उसी पाप कर्म का यह फल है.जिसके बाद राजा ने यमदूत से 1 साल का समय मांगा और यमदूत ने उन्हें 1 वर्ष की अवधि दे दी.जिसके उपरांत राजा परेशान होकर उस ब्राह्मण के पास पहुंचे और उन्होंने उनसे इस पाप से मुक्ति का उपाय पूछा.तब ब्राह्मण ने राजा को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी का व्रत करने और ब्राह्मण को भोजन कराकर उनके प्रति हुए अपराधों के लिए क्षमा याचना मांगे जाने का उपाय बताया. फिर राजा ने ऐसा ही किया और वे पाप से मुक्त हो गये.जिसके बाद राजा को मृत्यु के बाद विष्णु लोक में जगह मिली.ऐसे में कार्तिक चतुर्दशी का दिन नरक चतुर्दशी व्रत के रूप में प्रचलित हो गया.




नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली का महत्व

इस दिन यमराज की पूजा करने और व्रत रखने का प्रचलन है.ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के करने से नरक जाने से मुक्ति मिलती है और सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.

छोटी दीपावली में ऐसे जलाए दीये

घर के सबसे बड़े सदस्य को यम के नाम पर एक बड़ा दीया जलाना चाहिए.इसके बाद इस दीये को पूरे घर में घुमाने के उपरांत घर से बाहर दूर जाकर रख दें.घर के दूसरे सदस्य घर के अंदर ही रहें और उस दीये को ना देखें.

दीपदान का शुभ मुहूर्त

6 नवंबर 2018 को शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक



Check Also

लोक आस्था का महापर्व : खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू

लोक आस्था का महापर्व : खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू

error: Content is protected !!